महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है। बता दें कि, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की केंद्र से सिफारिश की थी, जिसकी राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। हालांकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है।

अब राजनीतिक दलों के पास सिर्फ ये रास्ता
इसके लिए राजनीतिक दलों को राज्यपाल को विश्वास दिलाना होगा कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। इसके बाद भी राज्यपाल के ऊपर यह निर्भर करेगा कि वह सरकार गठन के लिए राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाकर सरकार बनाने के लिए अमंत्रित करते हैं या नहीं।

50-50 फॉर्मूले पर अड़ने से सरकार का नहीं हुआ गठन
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए तो बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत था लेकिन मुख्यमंत्री पद और सरकार में 50-50 फॉर्मूले पर शिवसेना के अड़ जाने के चलते सरकार का गठन नहीं हो सका। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए राज्यपाल कोश्यारी के निमंत्रण देने के बावजूद बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिया है।

महाराष्ट्र में कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं
जबकि, शिवसेना तय समय सीमा में 145 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को नहीं दे पाई। इसके चलते गवर्नर ने महाराष्ट्र की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया है लेकिन समय से पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश कर दी। राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में धारा 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

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