पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज दिल्ली उच्च न्यायालय अपना फैसला सुना सकती है। पी. चिदंबरम को INX मीडिया मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। तब से ही चिदंबरम तिहाड़ जेल में कैद हैं। जज सुरेश कैत ने चिदंबरम और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका पर आठ नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चिदंबरम ने की जमानत की मांग
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत की मांग करते हुए कहा गया है कि INX मीडिया मामले के सभी दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास हैं, इसलिए उनके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। ईडी ने आठ नवंबर को चिदंबरम की जमानत याचिका पर विरोध जताया था और अदालत में दलील दी थी कि चिदंबरम जमानत मिलने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जनरल तुषार मेहता ने दी दलील
ईडी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी है कि पूर्व वित्तमंत्री पर चल रहा मनी लॉन्डरिंग का मामला काफी गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है जो बहुत जघन्य श्रेणी में आता है। 74 साल के चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था वो फिलहाल धन शोधन से जुड़े एक मामले में ईडी की हिरासत में हैं।