सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी आज चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित करवाने का प्रयास करेगी। इस विधेयक का उद्देश्य चिटफंड सेक्टर के सुचारू विकास को सुगम बनाते हुए उद्योग जिन बाधाओं से जूझ रहा है उसे दूर करना है। विधेयक से चिटफंड योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और इसके ग्राहकों को सुरक्षा मिलेगी।

वर्तमान में संसद में 43 विधेयक लंबित
चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 उन 12 लंबित विधेयकों में शामिल है जिन्हें संसद में चर्चा कर पास करवाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वर्तमान में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं। इनमें से 27 बिल पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि सात विधेयक वापस लिए जाने हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण चिटफंड अधिनियम 1982 में संशोधन के लिए बिल लाएंगी, जिस पर विचार करने के बाद उसे पास करवाने की कोशिश की जाएगी।

5 अगस्त को पेश हुआ था बिल
संसद के मानसूत्र सत्र में ही लोकसभा में 5 अगस्त को यह बिल पेश किया गया था। संसद में इस बिल को पेश करने की स्वीकृति केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जुलाई में ही दी थी। इस बिल से चिटफंड के क्षेत्र में विनियामक व अनुपालन संबंधी बोझ होगा। बिल में अधिनियम की धारा-2 के अनुबंध (बी) में ‘बंधुत्व फंड’ और ‘आवर्ती बचत व क्रेडिट संस्थान’ जोड़ा गया है जो चिट को परिभाषित करता है।

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