अविनाश भगत : संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अमल में आने के बावजूद स्पीकर पद पर बने रहे डॉ0 निर्मल सिंह को आज आखिरकार हटा दिया गया। डॉ0 निर्मल सिंह के इस पद पर अभी तक बने रहने को लेकर राजनीतिक हल्कों में खासा विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई। कहा गया कि जब सम्पूर्ण राज्य का दर्जा ही खत्म हो गया तो फिर डॉ0 निर्मल सिंह किसी अधिकार से स्पीकर की कुुर्सी पर बैठे हैं।
उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के आदेश पर हटे डॉ. निर्मल सिंह
सूत्रों का कहना है कि इस मुददे को लेकर यहां से लेकर नई दिल्ली पार्टी आलाकमान इस विवाद की गूंज सुनाई दी। अब आखिरकार उन्हें उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के आदेश पर स्पीकर पद से हटा दिया गया है। राजनीतिक- पंडितों का मानना है कि डॉ0 निर्मल सिंह को स्पीकर पद से हटाए जाने से यह चर्चा जरूर जोर पकडे़गी की सूबे को संघ शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण उसकी पहली गाज सूबे के तत्कालीन एमएलसी पर पड़ीं। भंग हुई विधान परिषद् में कुल 22 एमएलसी में से 11 भाजपा के थे। जिनका कार्यकाल अभी काफी बाकी था। अब स्पीकर पद पर आसीन डा0 निर्मल सिंह भी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।
16 नंवबर को जारी की गई अधिसूचना
इस संवाददाता के पास मौजूदा शासन के सचिव की गत 16 नंवबर को जारी की गई अधिसूचना की प्रतिलिपी भी है, जिसमें अंतिम लाईन में लिखा है कि यह अधिसूचना उपराज्यपाल के आदेश पर जारी की गई है। जिसमें चैथे पैरे में लिखा है कि सूबा-ए जम्मू-कश्मीर के गत 31 अक्तूबर को संघ शासित प्रदेश बनने के बाद डा0 निर्मल सिंह स्पीकर पद पर आसीन नहीं रह सकते। बता दें कि, डा0 निर्मल सिंह बतौर स्पीकर अभी तक अपने अधीनिस्थ सरकारी कामकाज निपटाते रहे हैं। जिसे लेकर नागरिक सचिवालय से लेकर यहां राजनीतिक हल्कों में भी चर्चाएं, बहस तथा विवाद जारी रहा। जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह समेत कुछ अन्य लोगों ने डा0 निर्मल सिंह के यूटी बनने के बावजूद स्पीकर बने रहने को गैर संवैधानिक कहा था। जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया और नागरिक सचिवालय में चर्चा का विषय बना रहा। परंतु काबिलेगौर है कि किसी पूर्ण राज्य के संघ शासित प्रदेश बनने के बाद स्पीकर पद पर किसी व्यक्ति के बने रहने का यह संभवतः पहला मामला लगता है। जिस पर अभी तक कहीं भी कुछ स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता। जब इस बावत स्पीकर पद से हटाए गए निर्मल सिंह से जब संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होंने कुछ भी ज्यादा कहने से मना कर दिया। लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि इस विषय पर बहस हो सकती है।