उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मंगलवार को प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की महानायिका वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का 184 वां जन्मदिन मनाया गया। सरांवा गाव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी एवं लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने वीरांगना लक्ष्मीबाई के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया।
आजादी की लड़ाई की महानायिका रानी लक्ष्मीबाई
लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश की प्रथम आजादी की लड़ाई की महानायिका रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर 1835 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के भदैनी ( अस्सी घाट ) मुहल्ले में हुआ था। उनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव हुई थी। उस समय अंग्रेजो का शासन था, रानी लक्ष्मीबाई ने देश को आ•ााद करने के अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी ,और लड़ते-लड़ते 17 जून 1857 को मात्र 22 साल की उम्र में वे शहीद हो गई।
रानी लक्ष्मीबाई की गाथा
वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने देश की आजादी की शुरुआत की थी और 90 साल बाद यानी 1947 में देश आजाद हो गया भी लोग रानी लक्ष्मीबाई की गाथा गाते है कि बुंदेले हर बोले कि मुख हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।