पश्चिम बंगाल की CM और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ममता बनर्जी ने कहा है कि हम NRC को बंगाल में नहीं लागू होने देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी बंगाल में निवासी किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीन सकता है। हम हिंदू और मुस्लिमों के आधार पर नहीं बांटते हैं।

असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोबारा लागू
दरअसल, बुधवार को उच्च सदन में बयान देते हुए अमित शाह ने कहा कि असम में NRC की प्रक्रिया हाथ में ली गई थी। एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में लागू होगी तो असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोबारा लागू जाएगी।किसी भी धर्म के लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एनआरसी के संबंध में सभी सवाल पूछे गए जिनका गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के बीच के अंतर को भी समझाया।

NRC और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर संशय
NRC से सम्बंधित सैयद नासिर हुसैन के सवाल के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोगों को NRC और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर संशय है। एनआरसी के भीतर कोई प्रावधान नहीं है कि और धर्मों के लोगों को रजिस्टर में ना लिया जाए। सभी धर्मों के लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा, जो भारत के नागरिक हैं। इसमें धर्म के आधार पर पक्षपात करने का कोई प्रश्न ही नहीं है।

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