हाल ही में दिल्ली सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने की स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम की प्रक्रिया को बढ़ा दिया है। जांच फरवरी से मार्च तक दिल्ली के खेतों में बिजली का उत्पादन शुरू हो सकता है। वही दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली जिलों में इस स्कीम पर तेजी से काम किया जा रहा है। वही दिल्ली सरकार किसानों के खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने की स्कीम के लिए रेट तय करने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी कर रही है। स्कीम में आने के लिए किसानों को राजस्व विभाग के स्थानीय डिप्टी कमिश्नर के यहां आवेदन करना होगा।
दिल्ली कैबिनेट ने दी मंजूरी
मिली जानकारी एक मुताबिक दिल्ली कैबिनेट ने जुलाई 18 में मुख्यमंत्री किसान आय बढ़ोत्तरी योजना को मंजूरी दी थी। यह पूरे देश में अपनी तरह की इकलौती योजना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसकी मदद से दिल्ली के किसानों की आय तीन गुना अधिक हो जाएगी। यह दिल्ली सरकार के ग्रीन बजट का हिस्सा है। इसके तहत कृषि योग्य भूमि पर तयशुदा ऊंचाई पर सोलर पैनल लगाए जाने वाले है। जहां पैनल लगाने का काम निजी कंपनियां करेंगी। कंपनी 25 साल का समझौता करेगी। 6 एकड़ भूमि पर हर साल 13 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। 6 एकड़ भूमि पर रोजाना एक मेगावाट बिजली पैदा होने की उम्मीद है। हर 15 दिन पर सोलर पैनलों की पानी से सफाई की जाती है। इससे किसानों को खेतों की सिंचाई में भी मदद मिलेगी।
क्या है स्कीम:
-किसानों को एक साल में एक लाख रुपये प्रति एकड़ मिलेगी धनराशि।
-इसमें हर साल 6 फीसद का होगा इजाफा।
-2025 में यह पहुंच जाएगा प्रतिवर्ष चार लाख रुपये प्रति एकड़ की दर पर।
-फिलहाल किसानों की एक एकड़ से 20-30 हजार की होती है कमाई।
-किसानों को हर एकड़ पर साल भर में मिलेगी 1000 यूनिट मुफ्त बिजली।
-एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए 6 एकड़ जमीन की होगी जरूरत।
-न्यूनतम 3.5 मीटर की ऊंचाई पर लगेंगे सोलर पैनल।
– इससे ट्रैक्टर आदि कृषि उपकरणों को चलाने में नहीं होगी परेशानी।
– पीपीपी मॉडल पर निजी कंपनियां लगाएंगी पैनल।
-दिल्ली सरकार खरीदेगी बिजली
– मौजूदा 9 रुपये प्रति यूनिट की जगह 4-5 रुपये प्रति यूनिट में मिलेगी बिजली।
– दिल्ली सरकार को 400-500 करोड़ रुपये की होगी बचत।