दिल्ली में हुई झमाझम बारिश ने 22 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जहां राजधानी में 33.5 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इससे हवा की गति धीमी होने के बाद भी बीते शुक्रवार यानी 13 दिसंबर 2019 को प्रदूषण स्तर 130 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 दर्ज किया गया, जो अभी खराब श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का कहना है कि हवाओं के कमजोर होने से आने वाले दो दिनों में सूचकांक में बढ़ोतरी होगी।

तेज बारिश के बावजूद प्रदूषण में कमी नहीं
मौसम विभाग का कहना है कि तेज बारिश के बावजूद प्रदूषण में अपेक्षित कमी नहीं आई है। शुक्रवार शाम 4 बजे हवा की गुणवत्ता खराब स्तर 240 पर रही।इसकी बड़ी वजह हवाओं का कमजोर पड़ना है। शुक्रवार को हवा की चाल 8 किमी प्रति घंटा रिकॉर्ड की गई। वहीं, मिक्सिंग हाइट भी 4 किमी के करीब रही। इससे प्रदूषक कण दूर-दूर तक नहीं फैल नहीं पाए। दूसरी तरफ अगले दो दिनों में भी हवाओं की चाल में कमी आ रही है। इस बीच 5-6 किमी प्रति घंटा हवाएं चलेंगी।

ओलावृष्टि होने से दिभर ठिठुरन
दिल्ली-एनसीआर में बीते गुरूवार को बारिश और ओलावृष्टि होने से शुक्रवार को दिनभर ठिठुरन रही। वहीं बादल छाए रहने से सूरज नहीं निकला। जहां दिन में जगह-जगह लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचाव का प्रयास करते दिखे, वहीं सड़कों पर निकले लोगों ने ऊनी कपड़ों का सहारा लिया। कई शहरों में शाम साढ़े चार बजे ही घना अंधेरा छा गया और फुहारें भी गिरने लगी। ठंड का असर पशु-पक्षियों पर भी देखा गया। सर्दी से बचाव के लिए वे दुबके नजर आए।

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