पिछले कुछ समय से चल रहे नागरिकता के खिलाफ हो रहे बवाल में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई घटना का मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसएस बोबडे के सामने उल्लेख किया। जयसिंह ने अदालत ने कहा कि उन्हें इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में हो रहे गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

सीजेआई का बयान
सूत्रों के अनुसार सीजेआई ने कहा, हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे लेकिन दंगों के माहौल में नहीं, इस सब को बंद हो जाने दीजिए और फिर हम इसपर स्वत: संज्ञान लेंगे। हम अधिकारों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं।

जामिया मामले की होगी जांच
जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि वरिष्ठ वकील कोलीन गोंसाल्विज ने कहा, अदालत के एक सेवानिवृत्त जज को जामिया मामले की जांच करनी चाहिए। जब एक वकील ने अदालत से कहा कि उनके पास मामले से संबंधित वीडियो हैं तो सीजेआई ने कहा, ‘हम कोई वीडियो नहीं देखना चाहते। यदि सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान और हिंसा जारी रहती हो, तो हम इसे नहीं सुनेंगे। अदालत कल इस मामले की सुनवाई करेगी।

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