उत्तराखंड के पहाड़ में बारिश-बर्फबारी थमने के बावजूद लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। चमोली जिले में 120 गांव अभी भी बर्फ में कैद हैं। जोशीमठ-औली मोटर मार्ग बंद होने से पर्यटकों के एक दर्जन से अधिक वाहन औली और सुनील में फंसे हुए हैं। चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे के तीन दिन से अवरुद्ध होने से सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी है। जहां जोशीमठ से चीन सीमा तक हाईवे पर अभी भी करीब दो फीट तक बर्फ जमी हुई है। सेना के वाहन जोशीमठ से आगे नहीं जा पा रहे हैं।

सैकड़ों गांवों की बिजली सप्लाई ठप्प
बता दें कि पौड़ी जिले में बीरोंखाल और थलीसैंण ब्लाक में सैकड़ों गांवों की बिजली सप्लाई अभी भी ठप पड़ी है। बर्फबारी से कई सड़कें बंद हैं। धुमाकोट क्षेत्र में नेशनल हाईवे को लोनिवि ने यातायात के लिए खोल दिया है, जिससे क्षेत्र में फंसी बरात और अन्य वाहनों को निकाल लिया गया है। जहां रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ समेत 24 से अधिक गांवों में अब भी बिजली सप्लाई ठप है। कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे तीसरे दिन भी पिंगलापानी से आगे बंद रहा।

बर्फबारी से नौ सड़कें अवरुद्ध
वहीं उत्तरकाशी जिले में बर्फ से ढके करीब दो दर्जन गांवों में यातायात, विद्युत, पेयजल आदि व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त नहीं हुई हैं। संबंधित विभाग ध्वस्त हुई व्यवस्थाओं को बहाल करने में जुटे हैं। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे और मलारी हाईवे के साथ ही अभी भी बर्फबारी से नौ सड़कें अवरुद्ध पड़ी हुई हैं। जहां रामणी गांव के सूरज सिंह पंवार ने बताया कि घाट-रामणी सड़क पर अभी भी करीब दो फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिससे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। लोनिवि की ओर से सड़क को खोलने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

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