बुधवार को रूस ने अंतरिक्ष से संचालित होने वाले मिसाइल वार्निग सिस्टम पर से पर्दा हटा दिया है। रूस ने यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्पेस फोर्स बनाने के प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद में मतदान से पहले उठाया है।

बैलेस्टिक मिसाइल पर छोड़े जाने वाले स्थान से ही नजर रखेगा..
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अपने नए सिस्टम का नाम कुपोल रखा है जिसका मतलब गुंबद होता है। इसे इस तरह से डिजायन किया गया है कि यह अंतरिक्ष से ही बैलेस्टिक मिसाइल पर छोड़े जाने वाले स्थान से ही नजर रखेगा। यह बात रूसी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट और सिस्टम के बारे में वितरित लिखित विवरण में कही गई है।

बैलेस्टिक मिसाइलों को खोजने की क्षमता को बढ़ाएगा…
रूस ने इस सिस्टम के तहत चेतावनी देने वाले तीन सेटेलाइट पहले ही छोड़ रखे हैं। टुंड्रा नाम के ये सेटेलाइट 2015 से अंतरिक्ष में कार्यरत हैं। कुपोल को कहां स्थापित किया जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह अमेरिका के सर्विलांस सिस्टम एसबीआइआरएस की स्थापना को ध्यान में रखकर स्थापित होगा।रूसी सेनाओं के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ वालेरी गेरासिमोव ने कहा है कि नया सिस्टम अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों को खोजने की रूस की क्षमता को बढ़ाएगा। रूस ने अपने नए सिस्टम की घोषणा अमेरिकी कांग्रेस के नई स्पेस फोर्स के लिए 738 अरब डॉलर (5,240 लाख करोड़ रुपये) की स्वीकृति के एक दिन बाद की है।

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