सेक्टर-29 स्थित किंगडम ऑफ ड्रीम्स में चल रहे राज्य स्तरीय बाल महोत्सव-2019 में बीते शनिवार को प्रवेश द्वार बंद करने से भगदड़ मच गई, जिसमें दर्जनों बच्चे गिरकर घायल हो गए। जिन्हें प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया। गनीमत रही कि अध्यापकों और बच्चों के अभिभावकों द्वारा जल्द स्थिति संभाल ली गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हैरत की बात यह रही कि आयोजक व्यवस्था संभालने की बजाय वीआईपी की खातिरदारी में जुटे रहे।
छात्रों को ऑडिटोरियम में नहीं मिला प्रवेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीटें खाली होने के बाद भी छात्रों को ऑडिटोरियम में प्रवेश नहीं दिया गया। हालांकि बढ़ती भीड़ को देख मंच से उद्घोषणा की जाती रही है कि अंदर सीटें खाली हैं बच्चों को अंदर आने दिया जाए, लेकिन गेट नहीं खोले गए। ऐसे में ऑडिटोरियम के बाहर भीड़ एकत्र होने लगी। देखते ही देखते यहां हजारों की संख्या में छात्र व उनके अध्यापक एकत्र हो गए। दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक भगदड़ मच गई। छात्र एक दूसरे पर गिरने लगे। महोत्सव में मौजूद लोग व अन्य छात्र अपने आप को सुरक्षित करने के लिए नीचे गिरे छात्रों को रौंदकर भागने लगे। करीब आधा दर्जन छात्र ऐसे थे जिन्हें गंभीर चोटें आईं और गिरने से कई बच्चों के मुंह से खून आने लगा।
भगदड़ के चलते बच्चे हुए घायल
वहीं इस बात का पता चला है कि भगदड़ होने व छात्रों के घायल होने की सूचना मिलने के काफी देर बाद एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई भी नहीं आया। ऐसे में घायलों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल सका। मौके पर मौजूद कुछ अध्यापकों ने स्थिति को संभालते हुए नीचे गिरे छात्रों को उठाया और प्राथमिक उपचार करवाया। बता दें कि सरकार ने महोत्सव में छात्रों के लिए निशुल्क खान-पान व आने-जाने की व्यवस्था की थी। दूसरे जिलों से आए छात्रों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उनसे महोत्सव में आने के नाम पर 500 रुपये प्रति छात्र वसूला है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के महासचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि उन्हें जींद के डीपीएस स्कूल द्वारा छात्रों से 500 रुपये प्रति छात्र राशि वसूलने की सूचना मिली है। स्कूल को नोटिस देकर छात्रों को रुपये वापस करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। रुपये वापस न करने पर उनकी मान्यता रद्द करने की सिफारिश की जाएगी।