हरियाणा कांग्रेस कमेटी मौजूदा ‘काम चलाऊ’ सिस्टम से आने वाले साल 2020 में मुक्ति होने वाले है। इसकी जमीन तेजी से तैयार की जा रही है। नव वर्ष में जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक नया संगठन मिल जाएगा, सबसे अहम बात यह है कि पदों के बंटवारे पर टकराव टालने के लिए विशेष रणनीति अपनाई जाएगी। यह नीति पद आवंटन में सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को तवज्जो देने की रहेगी।
बता दें कि, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा व कांग्रेस विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों ही रणदीप सिंह सुरजेवाला, कैप्टन अजय सिंह यादव, किरण चौधरी व कुलदीप बिश्नोई सहित उन वरिष्ठ नेताओं की राय को काफी हद तक अहमियत देंगे, जिनकी दिल्ली दरबार में सीधी पकड़ है, मगर इतना भी नहीं झुकेंगे कि प्रदेश नेतृत्व पूरी तरह हथियार डाल दे। इसके लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
अधिकांश जिलों में कांग्रेस ने जिला स्तर पर शहरी व ग्रामीण जिलाध्यक्ष बनाने की परंपरा रही है। शहरी व ग्रामीण जिला अध्यक्ष का एक पद संबंधित जिले के वरिष्ठ नेता की मर्जी से भरा जाएगा जबकि एक पद पर संबंधित जिले के वरिष्ठ नेताओं की सहमति लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा या कुमारी सैलजा अपनी पसंद से नियुक्ति देंगे। कांग्रेस में इस समय जिला स्तर पर अस्थायी व्यवस्था है। जिला स्तर पर समन्वयक बनाए हुए हैं, परंतु शेष सभी इकाइयां गौण है। जिला प्रधानों की नियुक्ति वर्षों से नहीं हुई है।