उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और ब्रजभाषा में कई फिल्मों की सौगात देने वाले संदीपन विमलकांत नागर का निधन हो गया और उनकी उम्र 61 वर्ष थी। दरअसल उन्होंने मथुरा स्थित अपने पैतृक आवास में शनिवार रात अंतिम सांस ली और संदीपन विमलकांत नागर हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पद्मभूषण से सम्मानित अमृतलाल नागर के नाती तथा मशहूर फिल्म पटकथा एवं संवाद लेखिका डॉ अचला नागर के पुत्र थे। इसी के साथ संदीपन ने बहुत अधिक नाटकों और फिल्मों का निर्देशन किया और उनके भाई सिद्धार्थ नागर भी एक फिल्म निर्माता एवं निर्देशक बने है।

बता दें कि मथुरा की नाट्य संस्था ‘स्वास्तिक के संस्थापक संदीपन विमलकांत नागर को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के साथ ही अनेक संस्थाओं ने पुरस्कृत किया था वहीं उन्होंने ब्रजभाषा की पहली फिल्म ‘ब्रज भूमि में कलाकार की भूमिका और ‘ब्रज का बिरजू का निर्माण करने के अलावा अपने नाटकों में भी ब्रजभाषा का खासा उपयोग किया है। इसी के साथ संदीपन नागर ने फिल्म बहुरानी, सुबह होने तक सहित कई फिल्मों का निर्देशन भी कर सुर्खियां हैंडिल की थी।

उन्होंने रंगकर्मी के रूप में 100 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया और रंगमंच एवं सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने एलपी नागर रोड स्थित उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं स्वास्तिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने संदीपन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, ”संदीपन मन एवं प्राण से समर्पित रंगकर्मी थे. उन्होंने अनेक कलाकारों को जन्म दिया और नाट्य चेतना जागृत की.” खबरों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार सोमवार को यानी आज किया जाएगा।

Previous articleकिरण बेदी का सीएम नारायण स्वामी को खुला खत
Next article3 देशों के टूर्नामेंट में अपने अभियान का आगाज़ करेगी भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here