नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को लेकर जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जामिया और शाहीन बाग में अब भी विरोध जारी है तो वहीं उत्तर प्रदेश में एक ऐसी यूनिवर्सिटी भी है जिसने अब इसे पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। CAA अब राजनितिक मुद्दा बन चुका है। दिल्ली से लेकर बनारस तक इसका विरोध और समर्थन दोनों पुरजोर तरीके से देखा जा रहा है। पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में CAA के समर्थन में भाजपा ने बड़ी जनसभा भी की।

CAA को लेकर उठे सवाल

किन्तु कई ऐसे सवाल हैं CAA को लेकर, जो आवाम नहीं जानती और इसी का लाभ उठाकर इस मुद्दे पर सियासत हो रही है। अफवाहों को विराम देने के लिए राजश्री टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में इसको पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके तहत CAA में जितनी बातें हैं, इसे विस्तार से समझाया और पढ़ाया जाएगा। इस विषय का कोर्स 3 महीने का होगा और इसके बाद बाकायदा इसका सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के कोर्स जनवरी से ही आरंभ हो चुके हैं और इसके ऑनलाइन फॉर्म भी मिलने लगे हैं।

इस अधिनियम के प्रावधान और उसके समाधान के बारे में पढ़ाया जाएगा

इस पाठ्यक्रम में भारतीय नागरिकता अधिनियम के प्रावधान और उसके समाधान के बारे में पढ़ाया जाएगा। विशेष बात ये है कि इसकी फीस मात्र 500 रुपए रखी गई है जोकि फॉर्म शुल्क के रूप में लिया जाएगा। यह पाठ्यक्रम इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 200 सेंटर में आरंभ कर दिया गया है, वहीं इस कोर्स को लेकर छात्रों में बेहद उत्साह है।

Previous articleCAA का उद्देश्य लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना है : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
Next articleसाईं बाबा के जन्म स्थल को लेकर विवाद गहराया, सीएम ठाकरे दोनों पक्षों से करेंगे चर्चा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here