अगर आपके बच्चे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) व राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो, आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर शुचिता चतुर्वेदी ने हिंसा व धरना प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि, CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों या किसी भी हिंसक प्रदर्शन में अगर बच्चे शामिल होते हैं तो ऐसे अभिभावकों पर भी कार्रवाई होगी, जो उन्हें धरनास्थल तक लेकर पहुंचते हैं।

डॉक्टर शुचिता ने DGP ओपी सिंह को इस हेतु पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन व हिंसा में बच्चों व किशोरों को ढाल बनाकर अराजकता फैलाई गई। बाल हितों की रक्षा के लिए जिन लोगों ने उन्हें हिंसक प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) कानून 2015 की धारा 3 के अंतर्गत बाल अधिकारों के संरक्षण, सुरक्षा व उनके सर्वोत्तम हित के लिए उपाय किए जाने का प्राविधान है।

उन्होंने कहा कि, विरोध प्रदर्शनों का बच्चों के मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जो कानून का उलंघन है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को ऐसे धरना प्रदर्शनों से दूर रखें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। आयोग ने डीजीपी को अपने पुलिसकर्मियों को जेजे एक्ट की जानकारी देने के भी कहा है।

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