गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि प्रकाश की गैरमौजूदगी अंधकार की ओर ले जाती है। उन्होंने लोगों से एकजुट रहने और विविधता का सम्मान करने की अपील की। एक स्थानीय कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यह सोच सकता है कि आज का माहौल खराब हो गया लेकिन यह अहसास हमारे दिलों में प्रकाश या ज्ञान की कमी से आता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपने मतभेदों के बावजूद, सभी मानव एक ही परिवार के सदस्य हैं और यह बंधन स्वार्थ पर नहीं बल्कि घनिष्ठ पारिवारिक संबंधों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सभी यह समझना चाहिए कि विविधता में ही एकता छिपी हुई है।

इस मामले को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि हमने यही समझा है कि संपूर्ण जगत एक है और यह विश्व के शब्दों में इसे विविधता में एकता कहा गया।इसके पीछे की भावना अच्छी है लेकिन वह इस नारे में कुछ बदलाव की आवश्यकता महसूस करते हैं और यह होनी चाहिए कि एकता की ही विविधता है और इसलिए विविधता में एकता है, उसको जानो और सारी विविधता को स्वीकार करो। सम्मान करो। मौजूदा समय में देश में प्रचारित माहौल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग व्यापक अंधकार के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन यह हकीकत नहीं है। जब दुनिया में अपनापन आ जाता है तब कोई अंधकार इसके सामने नहीं टिक सकता है। प्यार सभी प्रकार के अंधकारों का खात्मा कर देता है।

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