दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत का भरोसा था। पार्टी ने आप को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने को लेकर भाजपा में मंथन का दौर शुरू हो गया है। इस संबंध में तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में माना है कि कुछ कमियां रहीं। शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर उनका कहना था कि वे हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं कर रहे थे लेकिन, प्रदर्शन को अब भी सही नहीं मानते। ‘गोली मारो” वाला नारा भाजपा की सोच नहीं है। गद्दारों को सजा देने के लिए देश का कानून पर्याप्त है।
पार्टी का सामूहिक फैसला
बता दें कि, उन्होंने माना कि अगर मुख्यमंत्री का चेहरा के साथ चुनाव में उतरते हुए परिणाम कुछ अलग होता। लेकिन, यह पार्टी का सामूहिक फैसला था। इसके साथ ही मैनिफेस्टो आने में देर हुई, जिससे वे लोगों तक सही समय से नहीं पहुंचा। उसमें दो रुपये किलो आटा देने जैसी बातें भी थी।
आठ फीसद वोट बढ़ना मामूली बात नहीं..
इसके अलावा अपने बयान में तिवारी ने कहा, ‘मुझे 48 सीटें जीतने का अनुमान था, जो कहीं से गलत नहीं था। करीब 40 फीसद वोट शेयर है। आठ फीसद वोट बढ़ना मामूली बात नहीं है लेकिन, हम इसे सीटों में तब्दील नहीं कर पाए। चुनाव हारे हैं लेकिन हताश नहीं हैं। हार की समीक्षा शुरू हो गई है। लोगों से बात करेंगे और जिन विषयों पर ध्यान नहीं दिया जा सका, उन पर आज से ही काम शुरू करेंगे.भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी नेताओं की उनके प्रति नाराजगी की अटकलों को खारिज करते हुए तिवारी ने कहा कि उन्हें आज नहीं बल्कि 2016 में अध्यक्ष बनाया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें जीतीं। पार्टी ने न तो उनसे इस्तीफा मांगा है और न ही उन्होंने इस्तीफा दिया है।