प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जयपुर, कोलकाता और चेन्नई के कुछ स्थानों पर छापा मारकर कुल 20 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। बरामद माल में तस्करी का करीब 27 किलो सोना, 12 किलो चांदी और 3.47 करोड़ की देशी-विदेशी मुद्रा शमिल है। इसके अलावा कई इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल उपकरण भी मिले हैं, जिससे तस्करी और फेरा मामले के कई राज खुल सकते हैं।

स्मगलिंग का सोना खरीदा जा रहा…
प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों के मुताबिक सूचना मिली थी कि जयपुर के तीन ज्वेलर्स मेसर्स महाराजा ज्वेलर्स के ताराचंद सोनी, भगवती ज्वेलर्स के रामगोपाल सोनी और लड़ीवाला एसोसिएट के द्वारा स्मगलिंग का सोना खरीदा जा रहा है। यह सोना कोलकाता के जरिए जयपुर पहुंचता है और स्मगलिंग का यह सोना चेन्नई की एक कंपनी खरीदती है। बाहर से आए सोने पर जहां बाहर की मोहर लगी होती थी, उसे बड़ी चालकी से साफ कर भारतीय एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए भारतीय मोहर लगा दी जाती है। ईडी ने इसी सूचना के आधार पर सोमवार को जयपुर में मेसर्स महाराजा ज्वेलर्स के ताराचंद सोनी, भगवती ज्वेलर्स के रामगोपाल सोनी और लड़ीवाला एसोसिएट के यहां छापे मारे। इनके अलावा इनसे जुड़े कोलकाता और चेन्नई में भी तलाशी अभियान चलाया गया। छापे में 26 किलो से ज्यादा सोना और 12 किलो से अधिक चांदी बरामद हुई है।

सरकार को आयकर का नुकसान
अधिकारियों का दावा है कि इस तिकड़ी सिंडिकेट के तार सोना स्मगलिंग करने वाले किसी बड़े गिरोह से जुड़े हैं। स्मगलिंग से एक तरफ जहां सरकार को आयकर का नुकसान हुआ, वहीं सीमा शुल्क, जीएसटी और आयकर से जुड़े कानूनों की अवहेलना की जानकारी भी सामने आ रही है। सोने की तस्करी के साथ फंड ट्रांसफर हवाला के जरिए किया जा रहा था। फेमा कानून के तहत हुई इस कार्रवाई में चेन्नई के हर्ष बोथरा से मिले इनपुट ने मदद की। विभाग अब तस्करी का सोना भेजने वालों तक भी पहुंचने की तैयारी में है।

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