उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को यहां स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों की शौर्य गाथा और पराक्रम को नमन करते हुए पुष्प च्रक एवं श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि यह राष्ट्रीय स्मारक, राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान और समर्पण की याद दिलाता है। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एक प्रेरणादायक स्मारक है। यह सदैव सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा को बताता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड में आई भीषण आपदा के बाद राज्य में एसडीआरएफ का गठन किया गया। वर्तमान में राज्य में एसडीआरएफ की चार कम्पनियां कार्यरत हैं। उन्होंने कहाकि सिटी क्राइम पर नियन्त्रण किये जाने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में उत्तराखण्ड के चार जिलों में सीटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) का भी गठन किया गया है, जिसका कार्य चैन स्नेचिंग, महिला छोड़खानी, आटो लिफिटिंग लूट, एक्सीडेंट रोकना आदि है।
त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2000 से 2019 तक शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या 182 है । देश में शांति व्यवस्था कायम रखने, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं में बचाव और राहत पहुंचाने का कार्य हमारे जवान करते हैं और जब भी इनकी जरूरत होती है, यह उस समय मौजूद रहते हैं। इनकी कर्तव्यपरायणता हम सभी को प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा “हमारे जवानों की शहादत ने स्मारक बनाने की प्रेरणा दी। देश की राजधानी में स्मारक बनने से उनकी शहादत को ‘सलाम’ करने का यह अवसर मिला।
कार्यक्रम में उत्तराखंड मे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद राजलक्ष्मी शाह, सांसद अजय भट्ट, विधायक देशराज कर्णवाल, विधायक रितु खण्डूरी, विधायक हरबंस कपूर, विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, पुलिस अपर महानिदेशक विनय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, एसडीआरएफ तृप्ती भट्ट, औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार आदि उपस्थित रहे।