चीन में इंसान से इंसान में कोरोना वायरस फैलने के अहम निष्कर्ष को दबाने की आधिकारिक कोशिश के चलते कई चिकित्साकर्मियों के संक्रमण की चपेट में आने को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच इस विषाणु से प्रभावित वुहान शहर में एक अस्पताल के प्रमुख की मौत हो गई और मृतक संख्या बढ़कर मंगलवार को 1,868 तक पहुंच गई। हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान में इस विषाणु का प्रकोप जारी है। सोमवार को इस प्रांत में 93 और लोगों की इस विषाणु से मौत हो गई जबकि हेनान, हेबी और हनान प्रांतों में पांच मरीजों की मौत हो गई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को कहा कि इस बीमारी के चलते मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 1,868 और प्रमाणित मामलों की संख्या बढ़कर 72,436 हो गई।

कोरोना वायरस के आंकड़े
देश के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि रोजाना इस बीमारी से मरने वाले मरीजों की संख्या जनवरी में इस संक्रमण के फैलने के बाद पहली बार 100 से नीचे आई है। आयोग के अधिकारी मी फेंग ने मंगलवार को कहा कि चीन में कोरोना वायरस के रोजाना सामने आने वाले प्रमाणित मामले सोमवार को पहली बार 2000 से नीचे रहे। उन्होंने मीडिया से कहा कि सोमवार को हुबेई प्रांत के बाहर नए प्रमाणित मामलों की संख्या पहली बार 100 के नीचे रही। कोरोना वायरस के मामलों के चरम पर पहुंच जाने के आंकड़ों के साथ तुलना करते हुए मी ने कहा कि इन आंकड़ों में गिरावट दर्शाती है कि महामारी की स्थिति में सुधार आ रहा है। अधिकारियों ने दावा किया कि इस विषाणु की रफ्तार घटी है लेकिन इसी बीच वुहान के एक वरिष्ठतम डॉक्टर की इस संक्रमण से मौत हो गई। सरकारी सीसीटीवी ने खबर दी कि हुबेई प्रांत के वुहान वुचांग अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. लिउ झिमिंग की डॉक्टरों के काफी प्रयास के बाद भी मौत हो गई। इस तरह एक और चिकित्साकर्मी इस विषाणु के चलते अपनी जान गंवा बैठा। लिउ वुहान में अग्रणी न्यूरो सर्जन थे। चिकित्सक इस बीमारी के केंद्र वुहान में हजारों रोगियों को बचाने में जुटे हैं।

1,719 चिकित्साकर्मी संक्रमण की चपेट में..
पिछले शुक्रवार को आयोग ने कहा था कि कुल 1,719 चिकित्साकर्मियों के इस संक्रमण की चपेट में आने की पुष्टि हुई है। ग्यारह फरवरी तक छह चिकित्साकर्मियों की मरीजों का उपचार करते हुए मौत हो गई। इनमें वह नेत्र चिकित्सक भी शामिल है जिसे पुलिस ने दिसंबर में सोशल मीडिया पर इस विषाणु के बारे में सतर्क करने पर दंडित किया था। इस विषाणु के उपचार से जुड़े चीन के शीर्ष विशेषज्ञ मिशन के सदस्य हु बीजे ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि चिकित्साकर्मियों में संक्रमण ज्यादातर तब हुआ जब यह बिलकुल प्रारंभिक चरण में था। वुहान के तोंगजी अस्पताल के संक्रमण विभाग में इंटर्नशिप करनेवाले एक स्नातकोत्तर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि चिकित्साकर्मियों में संक्रमण शुरुआती दौर में लापरवाही, एन95 मास्क, रक्षात्मक कपड़ों और चश्मों जैसी चिकित्सा आपूर्ति की कमी की वजह से हुआ। चीन के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ झोंग नानशान ने 20 जनवरी को इंसान से इंसान में इस बीमारी के फैलने की पुष्टि की थी।

लोग और डॉक्टर गुमराह
ग्लोबल टाइम्स की खबर है कि इससे पहले वुहान के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पांच जनवरी को इस बात से इनकार किया था कि यह बीमारी इंसान से इंसान में फैलती है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे लोग और डॉक्टर गुमराह हो गए और यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा फैली।

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