दिल्ली से यूपी, बिहार समेत अन्य राज्यों में जाने वाले लोगों को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार के कई स्कूलों को अस्थायी आश्रय घरों (शेल्टर होम) में परिवर्तित किया जा रहा है। पटपड़गंज और गाजीपुर के कई स्कूलों को शेल्टर होम में तब्दील किया जा रहा है। दिल्ली छोड़कर गांव जा रहे प्रवासी लोगों को यहां पर ठहराया जाएगा।

लॉकडाउन के बाद सड़क पर आए लोगों के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों को रैन बसेरे में तब्दील किया जा रहा है। इसमें खाने-पीने की व्यवस्था दिल्ली सरकार कर रही है। दिल्ली के कुछ चुनिंदा स्कूलों में यह व्यवस्था की जाएगी, जिनमें अभी फिलहाल 1000 से अधिक बेड लगाए जाएंगे। इन बेड को लगाने के दौरान कम से कम एक मीटर की दूरी हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को आइपी एक्सटेंशन स्थित सवरेदय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दौरा भी किया। इस स्कूल को रैन बसेरे में तब्दील किया जा रहा है। इसमें 35 कमरे हैं, जिनमें 200 बेड लगाए जा रहे हैं। सड़क पर आए गरीब लोग यहां रह सकेंगे और भोजन कर सकेंगे। सिसोदिया ने कहा कि अन्य स्कूलों को भी रैन बसेरों के रूप में तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सामने आए हैं, जो यह कह रहे हैं कि वे योजनाओं के निर्माण स्थल या सड़क पर सोते थे। मगर अब उनके पास रहने की भी जगह नही है। इसलिए इस बारे में फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 568 स्कूलों में भोजन की व्यवस्था कर दी है। दिल्ली सरकार ने बेघर-गरीबों के लिए खाने का इंतजाम जगह-जगह बने रैन बसेरों में किया है। शनिवार से चार लाख लोगों को खाना खिलाने का काम किया जा रहा है।

सरकारी स्कूलों में भी बनाए जाएंगे रैन बसेरे
कोरोना का संकट बहुत बड़ा है, हम सभी को इससे मिलकर लड़ना होगा। दिल्ली सरकार ने 71 लाख लोगों के लिए राशन की व्यवस्था कर दी है। वहीं चार लाख लोगों को अब रोजाना सुबह-शाम का भोजन दिया जा रहा है। ऐसे में किसी को भी राजधानी छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार ने सभी के लिए रहने और खाने का इंतजाम कर दिया है। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कही है।

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