उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को कोरोना वायरस के बारे में फैलाये जा रहे अंधविश्वासों और सुनी-सुनाई बातों के बहकावे में आने से बचने के लिये आगाह करते हुये अपील की है कि बहकावे में आकर वे कोविड-19 के विरुद्ध अपने संकल्प को कमजोर नहीं होने दें। उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार नायडू ने सोशल मीडिया के माध्यम से देशवासियों से कोरोना की चुनौती को परास्त करने के लिये हरसंभव सहयोग की अपील की। उन्होंने फेसबुक पर अपने लेख में कहा कि विभिन्न माध्यमों, खासकर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा अंधविश्वास और भ्रामक जानकारियां अपने आप में ‘वायरस’ हैं और इन्हें तत्काल रोका जाना जरूरी है।

नायडू ने कहा, ‘‘सभी धार्मिक समुदायों को यह समझने की जरूरत है कि कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये सुरक्षित सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाये रखने के मानकों के पालन को गंभीरता से लेना जरूरी है। उन्होंने देशवासियों से किसी भी समुदाय के प्रति निराधार पूर्वाग्रह न रखने की भी अपील की है। साथ ही उपराष्ट्रपति ने कोरोना के खिलाफ संघर्ष में अग्रिम पंक्ति के योद्धा के रूप में डटे चिकित्साकर्मियों के प्रति सम्मान और निष्ठा बनाये रखने का आह्वान करते हुये कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है, तभी इस जंग में कामयाबी मिल सकती है। उपराष्ट्रपति ने कुछ राज्यों में सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों के गैर जिम्मेदाराना उल्लंघन तथा दिल्ली में हाल ही में आयोजित हुये एक धार्मिक आयोजन का जिक्र करते हुये कहा कि इस बारे में जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों से अपेक्षित है कि भविष्य में कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण गैर जिम्मेदाराना उल्लंघन नहीं होने देंगे।

 

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