मदरलैंड संवाददाता नरकटियागंज(बेतिया)

पश्चिम चम्पारण जिला अन्तर्गत नरकटियागंज, ग्रामीण चिकित्सक एसोसिएशन के प्रदेश सचिव जयेन्दर मणी मिश्रा ने कोविड 19 करोना वायरस की रोकथाम को लेकर सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उठाये जा रहे कदम पर गहरी नाराजगी व्यक्त किया है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की देश व दुनिया के साथ बिहार भी करोना महामारी से जंग लड़ रहा है और सारी दुनिया इस वायरस से लड़ने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को भी बेहतर कर रही हैं। जिससे आपातकाल जैसी स्थिति में ऐसी परेशानियो का सामना करना नही करना पड़े। परन्तु केंन्द्र और राज्य सरकार कोविड 19 से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से सेवा लेने की जगह क़्वारन्टाईन सेन्टर की देखभाल की जिम्मेदारी ऐसे विभागों को दे रही है। जिन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र की जानकारी शुन्य के बारबार है, श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि हमारा संगठन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा केन्द्र/बिहार राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिख कर अवगत करा चुका है। उसके अनुसार देश में 80 हजार सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। जहां प्रदेश मे सरकार एक साल का ट्रेनींग दे कर, 15 हजार सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निजी तौर पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर स्वास्थ्य सेवाओं उपलब्ध करा रहे हैं।  जिन्हें करोना जैसी आपदा से निपटने के लिए जरूरी ट्रेनिंग देकर योगदान लिया जाये। केन्द्र और राज्य सरकार ऐसा न करके विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका के साथ अब एनसीसी कैडेट से योगदान लेने की योजना बना रही है, तो प्रश्न उठता है की ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था से क्या भारत करोना वायरस को हारा पायेगा ? यह चिन्ता का विषय है, ग्रामीण चिकित्सक एसोसिएशन ने केन्द्र व राज्य सरकार से अपील किया है कि  अभी समय है, सरकारें जल्द से जल्द सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकरताओ से इस महामारी से निपटने के लिए योगदान ले नही तो स्थिति और भयावह होगी। जिसे रोक पाना दोनो सरकार के लिए इंगलिश चैनल पार करने के समान होगा।

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