देश की राजधानी दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में जमाती मरीज द्वारा महिला डॉक्टर और अन्य स्टाफ को धमकी देने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में पुलिस शिकायत के आधार केस दर्ज कर लिया है। वहीं, कार्रवाई की कड़ी में सुरक्षा गार्ड और सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में वरिष्ठ डॉक्टरों से जवाब मांगा गया है।
दरअसल, पूरा मामला मंगलवार का है। लोकनायक अस्पताल में कोरोना के मरीज ने महिला डाॅक्टर से पहले तो आपत्तिजनक शब्द बोले, फिर विरोध करने पर कई मरीजों ने एकत्रित होकर मारपीट की धमकी दी। आरोप है कि मरीजों ने हाथपाई शुरू कर दी थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने ड्यूटी रूम में खुद को बंद कर अपनी जान बचाई। वहीं, मदद करने के लिए सुरक्षा गार्ड तक नहीं आए। पूरी घटना पर रेजिडेंट डाॅक्टर्स एसोसिएशन (आइडीए) ने मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की थी।
आरोप है कि महिला डॉक्टर के साथ मरीजों ने बदसलूकी के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार भी किया, जब वह मरीजों के इलाज में व्यस्त थीं। जब महिला साथी की मदद के लिए वहां मौजूद पुरुष डॉक्टर आए तो उनकी भी पिटाई की गई। दहशत का आलम यह था कि मदद के लिए आए पुरुष डॉक्टरों ने ड्यूटी रूम में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई। यह पूरा वाकया मंगलवार को अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के अंदर हुआ। इस दौरान वहां पर इलाज के लिए भर्ती मरीज भी सहम गए।
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, इस दौरान वहां मौजूद एक पुरुष डॉक्टर साथी ने बदसलूकी की शिकार महिला डॉक्टर को बचाने की कोशिश की तो उनके साथ भी मरीज और परिजनों ने मारपीट की। इस दौरान मरीजों और परिजनों की हिंसक हरकत देखकर डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ जान बचाने के लिए ड्यूटी रूम में छिप गया और तुरंत सुरक्षाकर्मियों को बुलाया। फिलहाल मामला शांत है, लेकिन बार-बार समझाने के बावजूद मरीजों और परिजनों का व्यवहार हैरान-परेशान करने वाला है।
वहीं, डॉक्टर पर जानलेवा हमले को लेकर लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए खत भी लिखा है। इस खत में मारपीट की घटना का पूरा विवरण दिया गया है। वहीं, पूरा प्रकरण सामने आने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बयान दिया है कि यह हमले का नहीं,बल्कि बदसलूकी का वाकया है। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। इलाज के बाद आरोपित को पुलिस को सौंप दिया जाएगा। इस मामले के बाद अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
यहां पर बता दें कि महिला डॉक्टरों के साथ बदसलूकी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले दिल्ली के हौजरानी इलाके में भी दो महिला डॉक्टरों से हाथापाई का मामला सामने आया था, जिसमें एक 44 वर्षीय व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसमें पड़ोसियों ने दोनों महिला डॉक्टरों पर आरोप लगाया था कि यहां पर आकर ये कोरोना वायरस फैलाती थीं। सफदरजंग रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के कड़े रुख के बाद न केवल मामला दर्ज हुआ था, बल्कि आरोपित की गिरफ्तारी भी हुई थी।