केन्द्र सरकार ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी तो हो रही है लेकिन अभी तक हम सामुदायिक संक्रमण की स्टेज में नहीं आए हैं। यह सब पहले से की गई तैयारी और पहले चरण के लाॅकडाउन तथा सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का ही नतीजा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में अभी सामुदायिक संक्रमण का दौर शुरू नहीं हुआ है और कई क्षेत्रों में यह स्थानीय स्तर पर देखने को मिला है तथा इसे “क्लस्टर आउटब्रेक’ कहा जाता है।ट

इन क्षेत्रों में मामलों को पता चलते ही तुरंत मामलों को गंभीरता से लिया जाता है और पूरे क्षेत्र के लिए ‘कंटेनमेंट प्लान’ बनाकर उस क्षेत्र को घेर लिया जाता है और इसके आसपास के क्षेत्र यापी “ बफर जोन पर पूरी नजर रखी जाती है और इसमें रहने वाले सभी लोगों के घर घर का सर्वेक्षण किया जाता है और लोगों के खांसी, जुकाम, बुखार तथा सांस लेने में दिक्कतें जैसी समस्याओं के बारे में आंकड़े जुटाए जाते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के काफी मरीज मिल रहे हैं और इनसे निपटने के लिए इन्हें “ हॉटस्पाट’ कहा जाता है तथा फिलहाल ऐसे क्षेत्र देश के 170 जिलों में पाए गए हैं और 270 जिले ऐसे हैं जो गैर हाटस्पाट कैटेगरी में हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी को लेकर केन्द्र सरकार का नजरिया शुरू से ही “ प्रिएम्पिटव और एडवांस्ड एक्शन” का रहा है और यही कारण है कि हम इस बीमारी पर काफी हद तक सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए अंकुश लगाने में कामयाब हुए हैं।

लव अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 11439 हो गई है और मंगलवार से बुधवार तक तक 1076 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा अब तक 377 लोगों की मौत भी हुई है। कोरेाना वायरस से अब तक 1306 लोग भी ठीक हुए हैं और कल एक ही दिन में 270 मरीज इससे ठीक हुए हैं जिन्हें घर भेजा दिया गया था। अब तक मरीजों के ठीक होने की दर 11.41 प्रतिशत हैं।

 

 

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