मदरलैंड संवाददाता, पटना

बिहार में लॉक डाउन का दूसरा चरण चल रहा है। बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने राशन कार्ड से वंचित परिवारों का सर्वे जीविका समूह से कराकर उन्हें एक ₹1000 तथा 3 माह का राशन उपलब्ध कराने की घोषणा का आम आदमी पार्टी स्वागत करती है। इस संकट की घड़ी में बिहार सरकार का यह फैसला सराहनीय कदम है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार सरकार के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जीविका द्वारा पहचान किए गए वैसे परिवारों को शीघ्र सहायता राशि के रूप में एक ₹1000 तथा अन्य मदद दी जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। मीडिया प्रभारी बबलू ने कहा की गैर कार्ड धारकों का सर्वे जीविका के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए स्वयं सहायता समूह द्वारा कर ली जाएगी। लाभार्थियों को लाभ भी मिल जाएगा लेकिन सवाल उठता है कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गैर राशन कार्ड परिवारों का क्या होगा?
 बड़ी संख्या में शहरी गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है। उनका सर्वे व पहचान कौन करेगा। बबलू प्रकाश ने कहा बिहार में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जीविका समूह का गठन हुआ है जो बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा काम कर रही है। वहीं राज्य शहरी आजीविका मिशन जो नगर निगम के अंतर्गत आता है यह योजना बिहार सहित पूरे देश में पूरी तरह से फेल है। शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं है ऐसी स्थिति में शहरी गरीबों का सर्वे कैसे होगा? उनकी पहचान कौन करेगा? यह बड़ा सवाल है।
 मीडिया प्रभारी  ने कहा कि आज लॉक डॉउन का 27 दिन पूरे हो चुके हैं। शहरी गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों की कमर पूरी तरह टूट चुकी है। लाखों लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है। आम आदमी पार्टी बिहार सरकार से मांग करती है कि सरकार अपने अनाज के गोदाम का ताला नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले शहरी गरीबों के लिए खोलें और राशन डीलर के माध्यम से राशन कार्ड से वंचित परिवारों को वोटर कार्ड, आधार कार्ड की प्रति जमा कराकर अविलंब अनाज मुहैया कराए।

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