मदरलैंड संवाददाता, सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा
एक तरफ पुरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है । सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को पालन हेतु पुलिस जहॉ सख्ती से पालन करवा रही है । वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को पुलिस की सख्ती रास नहीं आ रही है । पुलिस की इस कार्रवाई को तानाशाह बताकर माहौल बनाने का प्रयास कर रही है । ताजा मामला सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के रानीबाग की है । जहॉ सड़कों पर अनावश्यक रूप से घुम रहे लोगों द्वारा थाना के दरोगा प्रभाष कुमार और साथ में रहें पुलिस बलों के साथ दूर्व्यहार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को दिवा गश्त में निकले बख्तियारपुर थाने के दरोगा प्रभाष कुमार पुलिस बलों ने मुख्य बाजार में अनावश्यक घुम रहे लोगों को लॉकडाउन नियम का पाठ पढ़ाते हुए रानीबाग पहूंचे वहां अनावश्यक घुम रहे मोटरसाइकिल चालकों को बिना हेलमेट को लेकर सख्ती करते हुए चलान कटवाने को कहा पर एक मोटरसाइकिल चालक ने चलान कटवाने से मना करते हुए अपनी मोटरसाइकिल छोड़ कर चला गया । जिसे चौकीदार के माध्यम से थाना भेज दिया गया । इसी दौरान स्थानीय विधायक जफर आलम पहूंच गए जिसे वहां मौजूद लोगों ने उनसे दरोगा की शिकायत किया । जिसपर ड्यूटी पर तैनात दरोगा और विधायक के बीच कहासुनी हो गई । जिसपर विधायक ने गश्ती वाहन को रोक दिया । इस दौरान कुछ लोगों ने मजमा बनाकर पुलिस पर तानाशाही रवैया अपनाए जाने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस बेवजह लॉकडाउन के नाम पर परेशान कर रही है । वहीं घटना की सूचना पर पहुंचे सर्किल इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और थानाध्यक्ष रणवीर कुमार पुलिस बलों के साथ पहूंचकर जमा लोगों की भीड़ को हटाया । वहीं ड्यूटी तैनात दरोगा ने कहा कि मैं लॉकडाउन नियम का पालन करवा रहा था इस दौरान स्थानीय विधायक द्वारा मेरे साथ अशब्द भाषा का प्रयोग किया गया और मेरे गश्ती वाहन को रोक दिया । वहीं इस संदर्भ में विधायक जफर आलम ने कहा कि दरोगा प्रभाष कुमार द्वारा लॉकडाउन के नाम पर बेवजह सब्जी बिक्रेता और वाहन चालकों से पैसा लेकर छोड़ रहा था और अनावश्यक उसे मारपीट किया जा रहा था । तभी मैं वहां पहुंचा तो लोगों ने इसकी शिकायत मुझसे की । इस दौरान उसने लोगों के दूर्व्यहार करने लगा । जिसकी शिकायत हमने एसपी से किया है ।