मदरलैंड संवाददाता, अररिया
अररिया – फारबिसगंज कोराना महामारी को लेकर एक ओर जहाँ पूरे देश मे लॉक डाऊन का पालन शख्ती से किया जा रहा है,वहीं दूसरी ओर अररिया जिला के फारबिसगंज में कभी बैंक तो कभी राशन की दुकानों में इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । कई बार जिला प्रशासन को फारबिसगंज के उन सभी गलियों और मुहल्लों के बारे में फोटो के साथ जानकारियां दी है मगर प्रशासन की कारवाई इन जगहों के वनिस्पत पटेल चौक,से पोस्टऑफिस चौक,और पोस्टऑफिस चौक से सुभाष चौक तक सीमित मात्र की औपचारिकता बनकर रह गयी है,जिसकी वजह से कभी भी इस जिला को इस लॉक डाऊन ब्रेकिंग का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।हांलाकि पुलिस प्रशासन की मुस्तेदी की वजह से ही फारबिसगंज के कुछ मुख्य जगहों पर लॉक डाऊन का असर देखा जा सकता है मगर यह नाकाफी है।ऐसा नहीं है कि,पुलिस प्रशासन की पैट्रोलिंग गाड़ी गली या मुहल्लों में नहीं जाती,बल्कि उसके जाने पर लोगों की भीड़ बस एक क्षण के लिए अपने अपने घर की ओर मुड़ जाती है किंतु स्थिति फिर वही ढाक के तीन पात वाली बन जाती है।ऐसे में पुलिस प्रशासन के लिये भी अपमान का सबब बनता प्रतीत होता नजर आता है।इस बाबत मेरी बात कई बार अनुमंडल पुलिस उपाधीक्षक मनोज कुमार से हुई है,उन्हीने पब्लिक के अवेरनेस को लेकर चिंता भी जताई है,फ़िर भी इस दिशा में वाहनों के पकड़-धकड़ से लॉक डाऊन में नियंत्रण कुछ हदतक तो हो पाया है,फिरभी यह काफी नहीं। क्योंकि एक छोटी सी चिनगारी अगर प्रशासनिक लापरवाहियों का कारण बना तो यह खासकर बिहार के अररिया जिला के लिये कितना भयावह होगा इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।किसी भी तरह अनुमंडल पुलिस प्रशासन को सख्त कानूनी कार्रवाई करना ही पड़ेगा,वरना अगर दुर्भाग्य से जरा भी चूक हुई तो मामले को भयावह होने से कोई नही रोक सकता है।पवित्र त्योहार रमजान आज से आरम्भ है।परिक्रमा समाचार की पूरी टीम पूरे जिला वासियों को इस त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं देती है तथा एक बार फिर,फारबिसगंज के दरभंगिया टोला, पोखरबस्ती, कादरी मुहल्ला,आलम टोला, रामपुर ,मियां हाट,आदि पर विशेष रूप से शख्त कानून व्यवस्था स्थापित करने हेतु अनुमंडल प्रशासन को याद दिलाता है,जिसके अंतर्गत वहाँ पुलिस के ऐसे लोग तैनात किए जाएं जो मुखदर्शक न बनें बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग कम से कम दो गज की दूरी को पालन के लिये शख्त से शख्त कार्रवाई करने से चूंके नहीं ।