मदरलैंड संवाददाता, सीवान

सीवान ।जिलें में बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर हीं तोड़ दी है। आम, लीची समेत रबी की फसलों को भारी नुकसान हुआ  है, इससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। उनके चेहरे पर चिंता दिखाई दे रही है और वे मायूस हो गए हैं। बारिश होने से खेतों में लगी गेहूं की फसलें गिर गई हैं। साथ ही इसके पहले हुई बारिश, आंधी व ओले से गिर चुकी फसलों को और ज्यादा नुकसान हुआ है। आम के मंजर, दलहनी, तेलहनी व सब्जियों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।इस बारिश की वजह से किसानों को नफा और नुकसान दोनों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण एक तरफ जहां  विभिन्न भागों में स्थित खेतों में लगी तेलहन और दलहन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है यहां के एक  किसान ब्रजेश यादव  ने बताया कि  बेमौसम बारिश से खेतों में लगी रबी की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि वैसे इस बारिश से गेहूं की फसल को फायदा पहुंचा है, लेकिन यदि अब आगे भी बारिश जारी रही तो गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में किसानों की कमर ही टूट जाएगी और उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है।
बारिश से अन्नदाता परेशान,55 एमएम हुई बारिश
रविवार की सुबह भंडार कोन(उत्तर व पश्चिम के कोने) से हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया।बड़े किसान तो कम्बाइन मशीन के सहारे रबी/गेंहू की कटनी लगभग करवा लिये है या कुछ लोगो की बाकी है।सबसे ज्यादे परेशानी तो छोटे किसानों को हुई हैं।बहुत किसानों के कटनी भी नही हुई है,कुछ की कटनी हो गई है तो दवनी बाकी है,जिनकी दवनी हो गई है उनके पशुओं के लिये भूसा रखना बाकी हैं।और विभाग की माने तो 55 एमएम बारिश होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया हैं।विदित हो की पिछले एक सप्ताह से पुरुवा के तेज हवाओ व तीन चार दिनों से बारिश के आसार के मौसम ने कटनी व दवनी के तेजी में बाधक बनी रही।
सिसवन में भी बरसात से किसान चिंतित
सिसवन ।रविवार के अहले सुबह से ही भारी वर्षा होने से वैसे किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई, जिनके गेहूं की दवनी अभी नहीं हुई है। गेहूं की कटनी होनेके बाद बोझों का ढेर तो लग गये, मगर कटनी के बाद पुरुवईया हवा के साथ बीच-बीच में मौसम खराब होने तथा वर्षा होने के कारण अभी तक बहुत सारे किसानों के गेहूं की दवनी नहीं हो सकी है। पहले से ही भींगे बोझे को धूप में सूखा कर दवनी कराने को किसान अभी सोच ही रहे थे कि रविवार के सुबह फिर से हवा के झोंको के साथ भारी वर्षा होने लगी, जिससे वे सारे बोझे फिर भींग गये।  बढ़ती हुई परेशानी को देख सभी किसान मायूस हैं तथा गेहूं सड़ कर बर्बाद हो जाने की चिंता उन्हें सताने लगी है। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत अभी बहुत सारे किसानों के गेहूं की कटनी भी होनी बाकी है। किसान की माने तो  जिस गेहूं की अभी तक कटनी नहीं हुई है, उसकी उतनी क्षति नहीं हो सकती, जितनी क्षति बोझे में पानी जाने से हो रही है। भींगे हुए बोझे को पसार कर सुखाने तथा दवनी कराने से किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई, मगर आकाश में अभी भी बादल देख किसान हतास हैं।

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