मदरलैंड संवाददाता, गोपालगंज।

गोपालगंज। जिले तैयार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है।मौसम की बेरुखी ने जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लॉक डाउन के बीच किसान कटनी को लेकर पहले से ही परेशान थे।बारिश के कारण पहले ही फसल बर्बाद हो चुकी थी।बारिश से भींग चुकी अब जम गई है। इस दुःख की घड़ी में जिला कृषि पदाधिकारी का किसानों के साथ व्यवहार दुर्भाग्य पूर्ण है।उनका कहना है कि जिले के किसान जान बूझ कर  गेंहू की फसल नहीं काट रहे हैं।सरकारी अनुदान के लिए खेतो में गेहूं सड़ा रहे हैं। जबकि किसान जब धूप निकलती है तो थोडी धूप पर सूखा कर देवरी करना सोचते ही है कि फिर बारिश से फसल भींग जाती है।  किसान धर्मवति देवी का कहना है कि अब गेहूं की फसल भी सड़ गई है।वही की गामा महतो  का कहना है कि न सरकार हम किसानों की सुन रही है और न कृषि पदाधिकारी। हर बार विभाग शुन्य फसल क्षति की रिपोर्ट भेज देता है। हम तो पूरा बर्बाद हो चुके हैं क्या खाएंगे, भूखे मर जाएंगे कह कर रोने लगता हैइस वैश्विक आपदा की स्थिति में मौसम की बेरुखी ने किसानों की कमर तोड़ दी है।दूसरी तरफ कृषि पदाधिकारों की किसानों के  प्रति उदासीनता और संवेदनशील नहीं होना, किसानों के ऊपर दोहरी मार हैं।।किसानों को आपदा की स्थिति में भगवान भरोसे छोड़ दी गई हैं। इस पर जिला कृषि पदाधिकारी का बयान किसान विरोधी और भेदभाव पूर्ण है।

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