मदरलैंड संवाददाता, अररिया
अररिया – जिले के विभिन्न प्रखंडों सहित फारबिसगंज में प्रतिवर्ष बरसात के दिनों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है। इसके कारण प्रतिवर्ष काफी क्षति होती है। समय रहते स्थिति से पूर्व इससे निपटने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक निर्धारित की गई है। विशेष तौर पर इस इलाके में जहां-जहां बाढ़ के प्वाइंट्स बने है। इसके लिए एसडीओ की अध्यक्षता में एक टीम का गठन कर कार्य को अंजाम दिया जाएगा। उक्त बातें गुरुवार को डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने फारबिसगंज शहर में बरसात के दिनों में होने वाले जल-जमाव व संभावित बाढ़ से पूर्व का निरीक्षण के दौरान कही। इससे पूर्व उन्होंने खास तौर पर फारबिसगंज के सीताधार, सायरनागर स्थित साईफन, रेफरल रोड एवं मेला रोड स्थित पुल के अलावा कोढेली के समीप नगर परिषद के शहरी क्षेत्र के जल जमाव व निकासी मार्ग का निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को बरसात से पूर्व साफ-सफाई तथा मरम्मति के निर्देश दिए गए। डीएम ने एतिहासिक सीताधार से लेकर साईफन तक जलकुंभी की सफाई एवं कई स्थानों पर मरम्मति के लिए नप के ईओ तथा सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों को साईफन में जाली लगाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। हालांकि जाली लगाने का काम तीन चिह्नित स्थानों पर लगाने की आवश्यकता जताई गई। मौके पर डीएम ने पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए जल-जमाव वाले स्थानों पर अभी से ही साफ-सफाई करने के लिए निर्देश जारी किए गए। बाढ़ के समय कसबा एवं एबीसी नहर की जानकारी लेते हुए शहरी क्षेत्र के नालों से पानी की निकासी, विगत वर्ष किये गए साफ-सफाई की समीक्षा, सीताधार से लेकर साईफन तक कुल पांच स्थानों पर पानी के बहाव क्षेत्र में जलकुंभी को रोकने के लिए तकनीकी रूप का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कार्य के लिए तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने की भी बात पदाधिकारियों से कही।
किसानों व जमींदारों से वार्ता कर मरम्मत कार्य में तेजी लाने के आदेश
डीएम ने प्रखंड के पिपरा पंचायत अंतर्गत टप्पू टोला के समीप परवान नदी के टूटे तटबंध का निरीक्षण किया। डीएम ने टीम गठित कर किसानों एवं जमींदारों से वार्ता कर तटबंध मरम्मति कार्य में तेजी लाने एवं बाढ़ के समय होने वाली समस्याओं एवं क्षति से निजात दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया। बता दें कि जमींदार परवान नदी पर तटबंध के लिए जमीन देने के लिए राजी नहीं है। जिसके कारण कई वर्षों से उक्त स्थान पर टूटे बांध के कारण नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से बरसात के दिनों में बाढ़ का पानी क्षेत्र में कोहराम मचाता है। इसके बाद डीएम ने पिपरा से कपडफोड़ा एवं हट्टा चौक के समीप आरडब्लूडी द्वारा बनाये जा रहे पुल का निरीक्षण किया। डीएम ने फारबिसगंज से कुर्साकांटा तक जाने वाली तीन सड़क मार्गों का निरीक्षण किया। उन्होंने पूछे जाने पर बताया कि यदि बाढ़ के समय तीन में से एक भी सड़क क्षतिग्रस्त होता है तो फारबिसगंज, अररिया एवं कुर्साकांटा आने-जाने वाली अन्य सड़क मार्ग वैकल्पिक मार्ग के रूप में खुला रहे इस पर गंभीरता एवं विशेष रूप से ध्यान देने हेतु संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया।
शहर के सायरानगर में साइफन का निरीक्षण करते डीएम व अन्य अधिकारी।
निरीक्षण में ये मौजूद थे
इस मौके पर डीएम के अलावा डीडीसी मनोज कुमार, जिला आपदा पदाधिकारी शंभु कुमार, एसडीओ डॉ. योगेश कुमार सागर, कार्यपालक अभियंता मनरेगा रामजी सुधाकर बाढ़ नियंत्रण विभाग के ऐई प्रमोद भारती, बीडीओ अमित आनंद, सीओ संजीव कुमार, पीओ शंभु भगत, सिंचाई विभाग के एसडीओ मुखलाल राम,जेई मनरेगा रेवतीरमण, जेई सिंचाई राजेन्द्र पासवान,शशिभूषण, दीपक वर्मा, नप के ईओ दीपक कुमार, चंद्रनाथ चंदन, शंभु कुमार कंठ आदि मौजूद थे।
डीएम ने सीताधार, सायरनागर स्थित साइफन, रेफरल रोड एवं मेला रोड स्थित पुल के अलावा कोढेली के समीप नगर परिषद के शहरी क्षेत्र में जल जमाव व निकासी मार्ग का निरीक्षण किया