मदरलैंड संवाददाता, मधुबनी
मधुबनी बिस्फी: कोरोना वायरस महामारी संक्रमण को देखते हुए सरकार एवं पदाधिकारियों के द्वारा सख्त आदेश देते हुए लॉक को सख्ती से पालन करने का आदेश जारी किया है। लेकिन इस महामारी काल में भी कुछ सरकारी कर्मी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा खानापूर्ति करने मामला सामने आ रही हैं। मामला बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के कठैला उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू का है जहां बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है जहां बाहर से आए दो ब्यक्ति को विद्यालय में क्वारेंटाइन की गई है। बाहर से आएं दो व्यक्ति से विधि व्यवस्था के बारे में पूछा गया तो साफ-साफ शब्दों में कहा कि यहां पर हम लोगों को काफी असुविधाएं हो रही है बताया कि हम लोगों को विद्यालय में रखे आठ दिन हो गया लेकिन अभी तक हम लोगों को सही से भोजन प्राप्त नहीं हो रही हैं और तो और सोने के लिए भी बेड एवं सैनिटाइजर, माक्स का भी कोई व्यवस्था नहीं है। तथा सबसे बड़ी बातें तो यह हैं कि सरकार द्वारा शौचालय पर भी बड़ी फोक्स रही हैं लेकिन इस समय भी हवा हवाई ही दिख रही हैं। जहाँ उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू में शौचालय का इस्थित पूर्णतः ध्वस्त हैं, क्वारेंटाईन में रह रहे ब्यक्तियो ने बताया कि हम लोगों को शौच के लिए बाहर निकलना पड़ता हैं जिससे लोगों द्वारा भी शिकायत की जाती हैं। विद्यालय प्रभारी के लापरवाही के कारण विद्यालय में लाईट भी नहीं लगाई गई हैं। इस बावत में तीसी नरसाम दक्षिणी के मुखिया से पूछे जाने पर अपने आप को सफाई देते हुए कहा हमे इस मामलो में कुछ भी जानकारी नहीं हैं। वहीं वार्ड सदस्यों ने कहा कि अब सब व्यवस्था कर दी जायेगी। वहीं ग्रामसेवक सत्यनरायन झा से जब इस समस्याओं पर दूरभाष द्वारा सवाल किया गया तो दावे के साथ कहा की हम विद्यालय में सब कुछ विधि व्यवस्था कर दियें हैं। विद्यालय में ड्यूटी पर तैनात चौकीदार ने भी कहा कि पहले से भी विद्यालय में कोई लाईट की कोई व्यवस्था नहीं हैं अब दिखावे के लिए केवल तार लगा दी गई। इससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि मुखिया वार्ड सदस्यों एवं ग्रामसेवक की मिलीभगत से केवल कागजी पर ही सभी कार्य हो रहें हैं। इस बाबत में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दली ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया हैं जिसे जाँच करवाई जा रही हैं।