मदरलैंड संवाददाता,
सीवान ।कोविड-19 के खिलाफ जारी लॉक डाउन के बीच किसानों की फसलें बर्बाद होने के कगार पर है। जिसमें गर्मी के दिनों में उगने वाले मौसमी फलों का बर्बाद होना तय है। इस संबंध में किसानों का कहना है कि लॉक डाउन के बीच हम फलों को एक जगह से दूसरे जगह तक नहीं ले जा सकते है। जिसकी वजह से वह खेत में ही सड़ गल जा रहे हैं। उनका कहना था कि करीब 200 एकड़ से अधिक भूमि में लगे तरबूज, खरबूज, खीरा शकरकंदी और सब्ब्जियो को काफी नुकसान पहुंचा है।ग्रामीणों का कहना था कि मौसमी फलों को साल में एक बार बोया जाता है। जिससे हम लोग अपने परिवार को एक साल तक पालते हैं। उनका कहना था कि पिछले साल आई अचानक बाढ़ और बरसात ने फसलों को बर्बाद कर दिया था। इस साल हम लोगों को काफी उम्मीद थी। लेकिन लॉक डाउन के वजह से हम अपनी फसलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम नहीं है। प्रखण्ड के ग्यासपुर, तिरबलुआ, पाण्डेयपार गांव में मौसमी फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
नदी में कटाव से फसलों को हुआ नुकसान
लॉक डाउन की मार झेल रहे किसानों को नदी में हुए अचानक कथाओं की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। दियारा क्षेत्र में खेती कर रहे किसानों की मानें तो नदी में अचानक कटाव से करीब 50 एकड़ से अधिक कृषि योग्य भूमि नदी में समा गई है। जिससे सब्जी फल और मौसमी फलों को काफी नुकसान पहुंचा है। उनका कहना था कि नदी में कटाव से तरबूज, खरबूज, खीरा,ककड़ी, शकरकंदी और सब्जियों की बड़ी खेप नदी में गिर गई है। किसानों की माने तो नदी के पानी में आए तेजी के वजह से यह कटा हुआ है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। किसानों व जलवाहकों का कहना है कि बहुत कम ही मौके पर इस तरह का मामला सामने आता है।
यूपी में भी होता है सब्जियों का कारोबार
प्रखण्ड के दियारा इलाक़ो में गर्मियों के दिन में हरे सब्जियों की खेती करीब 3 से 500 एकड़ जमीन में किया जाता है। जिसको यूपी के लार, सलेमपुर, बनकटा, भटनी, बेल्थरा, सहित कई थाना के ब्यापारी आकर सब्जियों व मौसमी फलों को ले जाते है। लॉक डाउन की वजह से कारोबारियों को मायूस होकर खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। किसानों का कहना था कि नदी मार्ग और सड़क मार्ग बंद होने से फलों और सब्जियों को गांव और देहात में ले जाकर सस्ते दामों में बेचना शुरू कर दिया है। मौके पर सुबाष भर, श्रीचन्द्र मल्लाह, राजेन्द्र मल्लाह, विंध्याचल मल्लाह, हरि मल्लाह, राजेश राजभर, श्रीकान्त राजभर, सोहिल राजभर,रामप्रीत,रामभवन, श्रीनारायण भर मौजूद थे।