दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख जफरुल इस्लाम की आपत्तिजनक पोस्ट के बाद उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग हो रही है। इस सम्बन्ध में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दाखिल की है। इस याचिका पर उच्च न्यायालय 11 मई को सुनवाई करेगा।

जानकारी के अनुसार, इस याचिका में कहा गया है कि उन्होंने देश को नीचा दिखाने वाला बयान दिया इसलिए उनपर देशद्रोह की शिकायत भी दर्ज हुई, मगर दिल्ली सरकार कार्रवाई नहीं कर रही। बता दें कि जफरुल इस्लाम खान ने बीते 28 अप्रैल को ट्वीटर और फेसबुक में लिखा था कि भारत में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि अभी तो भारत के मुसलमानों ने लिंचिंग, दंगों, नफरती अभियानों की शिकायत अरब देशों और इस्लामिक देशों से की ही नहीं है। यदि उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया गया तो भारत में सैलाब आ जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कुवैत को भारतीय मुसलमानों के साथ खड़े होने के लिए शुक्रिया कहा था।

हालांकि 1 मई को जफरुल इस्लाम ने अपनी विवादित पोस्ट के लिए माफी मांगते हुए लिखा था कि, ”मैं अपने देश के खिलाफ किसी भी संगठन या दूसरे देश की सरकार से शिकायत नहीं की है। मेरी ऐसी कोई मंशा भी नहीं है। मैं एक देशभक्त हूं और मैं हमेशा विदेशों में अपने देश के साथ खड़ा रहा हूं।

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