दिनों दिन बढ़ती जा रही घटनाओं की किस्से कहानी से आज हर एक व्यक्ति परेशान है, हर दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ ही जाता है जो लोगों की रूह को हिला देता है, वहीं हर इन वारदातों और घटनाओं की ख़बरों के बीच आज फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके बारें में जानकर आपका दिल देहल उठेगा। बता दें कि, यह किस्सा आंध्र प्रदेश का है जहां केमिकल प्लांट से जहरीली गैस का रिसाव होने के कारण लोगों में कोहराम मच गया और कई लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी, वहीं इस गैस के रिसाव से हजारों की तादाद में लोग प्रभावित ही हुए है।

केमिकल हुआ लीक
सबसे पहले बात करते हैं गैस की। जो केमिकल लीक हुआ है वह स्टीरीन है जिसे एथनीलबेन्जीन भी कहा जाता है। यह एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। यह एक सिन्थेटिक केमिकल है जो रंगहीन लिक्विड के रूप में दिखता है। हालांकि, काफी समय से इस गैस को रखा जाए तो यह हल्के पीले रंग की दिखती है। स्टीरीन बहुत ही ज्वलनशील होती है और जब यह जलती है तो बहुत ही जहरीली गैस रिलीज करती है। होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर डी रघुनाथ राव के मुताबिक स्टीरीन का इस्तेमाल मुख्य तौर पर पॉलिस्टिरीन प्लास्टिक बनाने में किया जाता है।

दिमागी संतुलन खत्म कर देती है ये गैस
इस गैस की चपेट में आने से सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम बुरी तरह खराब हो सकता है। सुनने की क्षमता भी खत्म हो सकती है और दिमागी संतुलन खत्म हो सकता है। बाहरी वातावरण में आने के बाद स्टीरीन ऑक्सिजन के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है। नतीजतन हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके संपर्क में आने के बाद लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है और वे घुटन महसूस करने लगते हैं। यह गैस बाद में दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर भी असर डालती है। इस वजह से गैस के संपर्क में आने वाले स्थानीय लोग सड़कों पर इधर-उधर गश खाकर गिर पड़े। कुछ डॉक्टरों ने बताया कि स्टीरीन न्यूरो-टॉक्सिन गैस है, जिसके संपर्क में आने के बाद सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे 10 मिनट के भीतर प्रभावित व्यक्ति की मौत हो सकती है।

3 किलोमीटर के दायरे में फैली दहशत
विशाखापत्तनम में जिस जगह पर गैस लीक हुई, उसके 3 किलोमीटर के दायरे में दहशत फैल गई। सड़कों पर लोग बेसुध पड़े हुए मिले। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो कई शरीर पर चकत्ते पड़ने और आंखों में जलन की शिकायत कर रहे थे। टीवी फुटेज में मोटरसाइकल सवारों को उस पर गिरते हुए देखा जा सकता है। असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर स्वरूप रानी ने बताया, ‘हम तुरंत मौके पर पहुंचे। हवा में गैस को मसूस किया जा सकता था और हममें से किसी के लिए भी वहां 5 मिनट या उससे कुछ मिनट ज्यादा समय तक टिकना संभव नहीं था।

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