मदरलैंड संवाददाता, बगहा

पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा अनुमंडल अंतर्गत गंडक पार के मधुबनी प्रखंड के तमकुहा में कोरोनटाइन सेंटर पर पहुंचे पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर लोगों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। जिसमें लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए ।इस लाठी कांड में प्रवासी लोगों ने अंचलाधिकारी मधुबनी रंजीत कुमार पर भी सवाल खड़े किए हैं। प्रवासी नागरिकों का कसूर सिर्फ इतना ही था कि वे गुरुवार को प्रखंड कार्यालय दहवा पहुंचकर स्किन जांच  कराने के बाद रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करवाकर कोरेनटाइन सेंटर तमकुहा पहुंचे थे ।कोरेनटाइन  सेंटर के मैदान में वे लोग भूखे प्यासे बैठे थे ।उनकी पीड़ा सुन वहां के लोगों एवं कोरेनटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के द्वारा चंदा वसूल कर लगभग ₹2000 खाने पीने के लिए उन्हें दिया गया। उस दौरान अंचलाधिकारी मधुबनी के द्वारा बार-बार उन लोगों को कोरेनटाइन सेंटर से बाहर निकलने के लिए कहा गया। लेकिन वे लोग बोले कि इस रात्रि में हम लोग कहां जाएंगे। इसकी एक भी नही सुनी  गई ।वे लोग अभी खाना खाकर बैठे ही थे तब तक वहां पर पुलिस बल के जवान पहुंचे और उन लोगों पर लाठियां भांजना शुरू कर दी ।जिसमें लगभग आधा दर्जन प्रवासी मजदूर घायल हो गए । प्राप्त समाचार के अनुसार लगभग 4 माह पूर्व पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला के 23 मजदूर मधुबनी प्रखंड के कठार पंचायत स्थित तुनिहवा गांव में चल रहे प्लाई प्लांट में काम करने के लिए आए थे ।वह यहां पर अभी  काम ही कर रहे थे तब तक कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन शुरू हो गया ।इन लोगों का काम पूरी तरह से बंद हो गया ।लॉक डाउन से लेकर अब तक वे लोग प्लांट में बैठकर गुजर बसर करते रहे। लेकिन रोजी रोटी का कोई व्यवस्था नहीं लगा ।उधर पश्चिम बंगाल में उनके परिजन का रो रो कर बुरा हाल है ।वे  लोग घर जाने  को लेकर प्रखंड कार्यालय से अपने घर भिजवाने के लिए बार-बार चक्कर लगाते रहे। लेकिन सिर्फ उन्हें आश्वासन ही मिलता रहा ।आश्वासन को देख परेशान होकर वे लोग गुरुवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचे और किसी तरह से वे बेतिया जिला मुख्यालय में उन्हें पहुंचा देने के लिए गुहार लगाने लगे। हालांकि इस पर विचार करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि इन लोगों को जिला तक भेज दिया जाएगा ।यही नहीं उनकी सूची भी बनाकर जिला पदाधिकारी बेतिया को भेजी गई। ताकि इन्हें सुविधा पूर्वक उनके जिले तक पहुंचाया जा सके। लेकिन अंचला अधिकारी की हिटलर शाही ने इन सभी मजदूरों का बुरा हाल कर दिया ।इतना ही नहीं कोरेनटाइन सेंटर में इन लोगों को भोजन तक नहीं दिया गया ।पुलिस की पिटाई के बाद भी लोग लगभग 1 घंटे तक बाहर कोरोनटाइन सेंटर पर खड़े रहे। बाद में खोताहवा पंचायत के मुखिया पति के द्वारा उन्हें प्रखंड कार्यालय बुलाकर रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था की गई।

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