मदरलैंड संवाददाता,

सीवान ।भारतीय स्टेट बैंक के स्टाफ विभूति रमन की मौत हो गई। मृतक विभूति को लगभग 10 दिनों से बुखार था। इलाज भी एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा था। लेकिन उस दौरान उनकी मौत हो गई। घरवालों को कोरोना का शक हो रहा था। शव को लेकर सदर हॉस्पिटल ले गए और सैंपल लेने का अनुरोध किया, लेकिन डॉक्टर ने नहीं लिया।

दहशत में परिवार

विभूति के शव को जांच के लिए सदर हॉस्पिटल लाया, लेकिन यहां इंट्री करने और जांच करने से इनकार कर दिया गया। बार बार परिजनों द्वारा यह कहा जाता रहा कि कही कोरोना से मौत हुई होगी तो पूरे मोहल्ले में फैल सकती है.लेकिन सभी बातों को दरकिनार करते हुए उन्हें कहा गया कि आप शव को लेकर यहां से निकल जाये। इस पर मृतक के परिजन शव तो लेकर घर चले गये।

कुछ हुआ तो कौन होगा जिम्मेवार

परिजनों ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर किसी तरह की बीमारी फैलती है तो इसकी सारी जवाबदेही जिला प्रशासन व सदर हॉस्पिटल के अधिकारियों की होगी। सवाल यह उठता है कि हॉस्पिटल में क्यों नही जांच का सैम्पल लिया गया।वह भी ऐसे में जब सीवान में कोरोना के 32 मरीज मिले है।

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