दुनिया के अधिकतर देश इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका (US), ब्रिटेन, जर्मनी जैसे बड़े और ताकतवर देश इस वायरस के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जर्मनी ने तो चीन को कोरोना से हुए नुकसान के चलते अरबों डॉलर का बिल भी भेज दिया है, अब ऐसी ही कुछ मांग भारत में भी उठी है।

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने के आरोप को लेकर चीन से 600 अरब डॉलर का हर्जाना वसूलने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई है कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह चीन से हर्जाना वसूलने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस का दरवाजा खटखटाए। याचिका में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि भारतीय इकॉनमी को ध्वस्त करने और भारत में हजारों लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से उत्पन्न हुआ है।

ये याचिका तमिलनाडु के मदुरै के रहने वाले एक शख्स ने दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस को जानबूझकर चीन ने भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में तैयार किया है। कहा गया है कि क्योंकि कोई व्यक्ति इंटरनेशनल कोर्ट नहीं जा सकता है, इसीलिए केंद्र सरकार को इस संबंध में याचिका दाखिल करने के लिए निर्देश दिए जाएं।

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