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नई दिल्ली (एजेंसी)। देश और दुनिया में कोरोना वायरस संकट के बीच ”वंदे भारत मिशन” के तहत विदेशों में फंसे भारतीयों की घर वापसी शुरू हो गई है। इंडियन नेवी का आईएनएस जलाश्व मालदीव की राजधानी माले से 698 भारतीयों को लेकर स्वदेश लौट आया है। सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह मालदीव से 698 भारतीय नागरिकों को लेकर आईएनएस जलाश्व कोच्चि पहुंचा, जिनमें 19 गर्भवती महिला शामिल हैं।
मालूम हो कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में जुट गई है। सरकार ने वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से भारत लौटने की इच्छा रखने वालों को वापस ला रही है। इस बीच मालदीव में रहने वाले लगभग 27 हजार भारतीयों में से 4500 ने भारत लौटने की इच्छा जाहिर की है। मालदीव से आए आईएनएस जलाश्व में 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं। इनमें 19 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

2000 लोगों को मालदीव से निकालेगा

आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर मालदीव से 1800-2000 लोगों को निकालेगा। वह चार बार चक्कर लगाएगा। इसमें दो चक्कर कोच्चि के लिए होगा और दो चक्कर तूतीकोरिन के लिए होगा। सबसे पहले ज्यादा जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां 200 द्वीपों पर भारत के लोग रहते हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए माले में भी इस समय लॉकडाउन है। सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण 15 मई से शुरू होगा और इसमें रूस, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, थाईलैंड, उज़्बेकिस्तान, कज़ाख़स्तान जैसे देशों से लोगों को निकाला जाएगा। सूत्रों ने बताया कि सरकार को कुल मिलाकर अब तक 67 हजार 833 लोगों से स्वदेश लौटने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं। पहले चरण में 64 उड़ानों के माध्यम से 12 देशों से करीब 15 हजार लोगों को लाने का अभियान गुरुवार से शुरू हो चुका है। रविवार को मालदीव से आईएनएस मगर से करीब 200 लोगों को लेकर कोच्चि आएगा तथा आवश्यकता हुई तो तूतीकोरीन भी जाएगा।

क्या है वंदे भारत मिशन

सूत्रों ने बताया कि वंदे भारत मिशन में भारत के 14 हवाईअड्डों का उपयोग किया जाएगा जिनमें बोधगया, तिरुपति, गुवाहाटी, बागडोगरा, लखनऊ, श्रीनगर, चंडीगढ़ आदि जैसे छोटे हवाईअड्डों को भी शामिल किया गया है। इनका चयन लोगों को उनके गंतव्य के निकटतम बिन्दु तक पहुंचाने के लक्ष्य को ध्यान में रख कर किया गया है। सरकार इन हवाईअड्डों पर आव्रजन आदि सुविधायें भी मुहैया करायेगी। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में खाड़ी के देशों से कुल मिला कर 27 उड़ानें होंगी जिनमें यूएई से 11, सऊदी अरब और कुवैत से पांच-पांच तथा बहरीन, कतर एवं ओमान से दो-दो उड़ानें शामिल हैं। पड़ोसी देशों में बंगलादेश से 7 उड़ानें होंगी जो श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के यात्रियों को लाएंगीं। इसी प्रकार से दक्षिण पूर्वी एशिया से 14 उड़ानें आयेंगी जिनमें सिंगापुर एवं फिलीपीन्स से ५-५ उड़ानें तथा मलेशिया से 4 उड़ानें शामिल होंगी। इसी प्रकार से 7 उड़ानें अमेरिका के चार शहरों न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, शिकागो एवं सैन फ्रांसिस्को से होंगी जबकि लंदन से भी सात उड़ानें होंगी।

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