राहुल सिन्हा, गिरीडीह
झारखंड के गिरिडीह में शनिवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स गिरिडीह के फेसबुक पेज द्वारा साधुओं में कोरोना संक्रमण की एक फेक न्यूज़ शेयर किए जाने के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स की खूब किरकिरी हुई। लोगों ने पोस्ट के कमेंट में कॉमर्स को खूब खरी-खोटी सुनाई और इस पोस्ट को सनातन व हिंदू धर्म पर कुठाराघात बताया। जिसके बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने सफाई देते हुए कहा कि इस पोस्ट का मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था। लोग चेंबर ऑफ कॉमर्स की छवि को धूमिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।हालांकि अगले ही दिन रविवार को पेज से इस पोस्ट को हटा दिया गया
क्या है मामला
दरअसल कुछ दिनों पहले एक फेक न्यूज़ वायरल हुई थी। एक पेपर कटिंग में यह लिखा हुआ था कि जयपुर में एक साधु के चिलम से 300 साधु कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इस खबर को प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो(PIB) राजस्थान और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो(PIB) झारखंड ने गलत बताकर खारिज कर दिया था।
इसी फेक न्यूज़ को एक पेपर कटिंग के माध्यम से शनिवार के दिन चेंबर ऑफ कॉमर्स गिरिडीह के फेसबुक पेज से शेयर किया गया।फेक न्यूज़ शेयर होने के बाद से ही लोगों ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के किरकिरी उड़ानी शुरू कर दी। हालांकि पेपर कटिंग शेयर किए जाने के बाद ही फेसबुक ने इसे फेक न्यूज़ करार दे दिया था।
लोगों ने सुनाई खरी खोटी
फेक न्यूज़ शेयर होने के बाद से ही लोगों ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के किरकिरी उड़ानी शुरू कर दी। कमेंट में कुछ लोगों ने लिखा कि किसी भी न्यूज़ को शेयर करने से पहले उसकी पड़ताल कर लेना उचित होता है। कुछ ने लिखा कि चेंबर ऑफ कॉमर्स किसी खास वर्ग को खुश करने के लिए सनातन धर्म के संतो को टारगेट कर रहा है और फेक न्यूज के माध्यम से साधुओं की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहा है। कुछ ने लिखा कि चेंबर ऑफ कॉमर्स बड़े लोगों की है और बड़े लोगों की बड़ी बात होती है।
कुछ ने यहां तक लिख डाला कि चेंबर ऑफ कॉमर्स का इतिहास रहा है हिन्दू धर्म के भावना से खिलवाड़ करना। पूर्व में भी होलिका दहन पर इनका विरोध जग जाहिर था।
क्या है होलिका दहन का मामला
दरअसल मार्च 2019 में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने उपायुक्त को पत्र लिखकर होली के दौरान सड़कों पर होलिका दहन पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि सड़कों पर होलिका दहन करने से उससे उत्पन्न ज्वाला से सड़कें काफी क्षतिग्रस्त होती है जिसकी मरम्मति में काफी समय लग जाता है।होलिका दहन की राख वाहनों के साथ छोड़कर शहर में प्रदूषण फैलाती है। इसलिए आवागमन सुचारू रखने, प्रदूषण रोकने और जिला को स्वच्छ रखने के लिए चौक चौराहों और सड़कों पर होलिका दहन पर रोक लगाया जाए।
आक्रोशित लोगों ने की कार्रवाई की मांग
कई लोगो ने इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को ट्विटर पर गिरिडीह पुलिस, गिरिडीह डीसी ,पीएमओ समेत अन्य अधिकारियों को टैग कर लिखा कि इस पोस्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। इस पर उचित करवाई की जाए।
ट्वीट करने वालों में विश्व हिन्दू परिषद गिरिडीह इकाई के जिल सह मंत्री राकेश आर्य,हरीश खेमका,सहित अन्य लोग शामिल हैं।
इनमे से एक द सोशल मीडिया क्लीनर के ट्वीट का गिरीडीह पुलिस ने रिप्लाइ किया और रिप्लाइ में कहा गया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले को संज्ञान में ले लिया गया है।
किरकिरी के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिक्रिया
किरकिरी होने के बाद कॉमर्स के अध्यक्ष ने इसी पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा कि मुझे यह पेपर कटिंग प्राप्त हुई थी मुझे नहीं पता यह खबर सही है या गलत। किंतु यह खबर कोरोना संक्रमण के प्रसार के तरीके से संबंधित थी इसलिए मैंने इसे शेयर किया। इसमें धार्मिकता कहां से आ गई। कुछ लोग इसे धार्मिक रंग देकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर यह खबर गलत है तो मैं स्वयं साइबर थाना जाऊंगा और मुझे यह पेपर कटिंग भेजने वाले पर फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करूंगा। इसे धार्मिक रंग दिया जाना ठीक नहीं है।