मदरलैंड संवाददाता,

बड़हरिया(सीवान) ।कोरोना काल मे प्रशासन के लिए विकासमित्र संकटमोचन की भूमिका निभा रहे है।कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण से बचाव के प्रत्येक काम में विकासमित्रों का प्रयोग किया जा रहा है।चाहे क्वारन्टीन सेन्टरों पर ड्यूटी करना हो या राशन कार्ड के साथ आधार सीडिंग करना हो,काम करने के लिये प्रशासन की पहली प्राथमिकता विकासमित्र होते है।लॉक डाउन होते ही जब प्रखंड की सड़कों को बंद किया गया तब ड्राप गेट पर विकासमित्र ही ड्यूटी पर लगाये गए।जब प्रत्येक पंचायत में क्वारन्टीन सेंटर खुला तो रात में आठ घंटे की पाली विकासमित्रों की ही थी।प्रशासन के लिए विकासमित्र हर तरह की भूमिका निभा रहे है।मुखिया जी को कोई सूचना देनी हो तो संदेशवाहक विकासमित्र  बनते है।लेकिन जब सड़क पर ट्रैफिक रोकना हो तो ड्राप गेट पर मजिस्ट्रेट भी विकासमित्र ही बनते है।विकासमित्र महादलित विकास मिशन के कर्मी है और अतिरिक्त कार्य लेने पर भत्ता देने का प्रावधान है।लेकिन अतिरिक्त भत्ता क्या है विकासमित्रों ने कभी जाना ही नही।बीडब्लूओ प्रकाश प्रिय रंजन कहते है-“आपदा के इस समय मे विकासमित्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।विकासमित्र स्थानीय हैं और पंचायत क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी रखते है।इसका लाभ प्रशासन को मिलता है।”कोरोना काल मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद सरकार द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नही दिए जाने से विकासमित्र  संतुष्ट नही है।विकासमित्रों के ब्लॉक कोर्डिनेटर अरुण कुमार राम कहते है-“सरकार अन्य कर्मियों के लिए पचास लाख का बीमा करा रही है,लेकिन क्वारन्टीन सेन्टरों,जहां कई बार संक्रमित व्यक्ति भी पाए जा रहे है, पर ड्यूटी करने के लिए हमारा कोई बीमा नही है। ड्यूटी के दौरान हम इनके बीच रहते है। रजिस्ट्रेशन करने से लेकर किट वितरण करने तक हम कई बार इनके संपर्क में आते है। अगर हमें कुछ होता है तो सरकार चार लाख देकर अपना पल्ला झाड़ लेगी।”वे प्रश्न करते है”क्या चार लाख में मेरा परिवार मेरे बाद जीवन बसर कर लेगा?बीडीओ अशोक कुमार बताते है “विकासमित्र आपदा की इस स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।क्वारन्टीन सेन्टरों पर कार्य करने के लिए सभी कर्मियों को मास्क,ग्लोव्स,कैप्स, सेनेटाइजर जैसी चीजें दी जा रही है।उनसे सोशल डिस्टेंस बनाये रखने के लिए भी कहा जाता है।व्यक्तिगत सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।बीमा के मुद्दे पर सरकार ही निर्णय ले सकती है।”

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