देशव्यापी लॉकडाउन के बीच कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया और आंतकी रियाज नायकू के मारे जाने की सफलता के बाद पाकिस्तान में मौजूद इन आतंकी संगठनों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। इसका एक सबूत हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन का वो भाषण है जो उसने हाल ही में रावलपिंडी में नायकू को लेकर की गई शोक सभा में दिया था। इसमें उसने उत्तर कश्मीर के रजवार जंगल में सेना के जवानों पर किए हमले की जिम्मेदारी ली थी। अब जबकि नायकू को मारकर सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लग चुकी है तो पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत उसके खिलाफ कोई फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है।
इसके आपरेशन के बाद पाकिस्तान को लगने लगा है कि भारत कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ने के साथ पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं और वहां पर मौजूद आतंकी कैंपों को भी खत्म करने के लिए कोई ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। बता दें कि उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।जहां तक उत्तरी कश्मीर में सेना पर हुए हमले की बात है तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि काफी समय के बाद कश्मीर में किसी कर्नल रैंक के अंधिकारी की मौत इस तरह के हमलों में हुई है।
बता दें कि फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन उसे कहा जाता है, जहां पर किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने वाले की पहचान को पूरी तरह से छिपाया जाता है। इतना ही नहीं, इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वाला यदि पकड़ा जाता है तो उसमें अपनी भूमिका से पूरी तरह से मुंह फेर लिया जाता है। इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वालों को इस बात की पूरी जानकारी होती है कि यदि वे पकड़े गए तो सरकार उन्हें किसी तरह से भी स्वीकार नहीं करेगी। इस तरह के ऑपरेशन को कवर्ट ऑपरेशन भी कहा जाता है।