मदरलैंड संवाददाता, बिस्फी मधुबनी
मधुबनी बिस्फी: सरकार एक तरफ पंचायत के मुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधि को लॉक डाउन सोशल डिस्टेंसिंग एवं क्वारेंटाइन केंद्रों पर विधि व्यवस्था को लेकर कड़ी हिदायत दे रहीं हैं लेकिन सरकार की यह हिदायत कागज पर चलने की बात बताई जा रहीं हैं। मामला बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय सिंघासों में मुखिया एवं प्रशासन के द्वारा क्वारेटिन सेंटर बनाया गया है। जहाँ दिल्ली मुम्बई,पंजाब,हैदराबाद सहित कई महानगरों से आए प्रवासी 5 से 7 दिनों से रह रहे हैं की बात सामने आ रही हैं। लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधा नहीं मिलने को लेकर रविवार को पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के खिलाफ जम कर हो हंगामा किया। जिसकी फोटो और वीडियो प्रवासी द्वारा वायरल किया गया। प्रवासियों का कहना था कि यहां साफ सफाई शौचालय बिजली पानी की कोई सुविधा नहीं दी गई एक गमछा बिछा कर सोने को विवश हैं। एक ही बाल्टी में 40 आदमी नहाते हैं और कपड़ा भी धोते हैं। वहीं प्रवासी मजदूर अपनी दर्द को ब्या करते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चो के लिए रखा जंग लगा हुआ थाली में भोजन करने को विवश बने हुएं हैं। यहां के मुखिया पंचायत सेवक अब तक सुधि लेने के लिए नहीं पहुंची है नहीं अब तक साबुन मास्क सेनीटाइजर सहित कोई सामान उपलब्ध कराया गया हैं। बेबस प्रवसी मजदुर ने कहा कि पंचायत के मुखिया किरण देवी एवं मुखिया पति द्वारा साफ शब्दों में कहते हैं कि हमसे कुछ नहीं होने वाला है आपको रहना है तो रहे जाना हो तो जाइये का बात बोलते हैं। ऐसे जनप्रतिनिधियों को चयन कर हम लोग पश्चता रहें हैं. जो हमारे संकट के काल में साथ नहीं हैं। प्रवासी मजदूर राम प्रमोद यादव, बृजेश कुमार, बबलू कुमार, उदयवीर यादव, मुकेश कुमार, बजरंगी कुमार, पवन शर्मा विजय कुमार सहित कई प्रवासियों द्वारा बताया गया कि हम लोग दिल्ली पंजाब गुवाहाटी गुजरात कई शहरों से आए हैं अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए यहाँ ठहरे हैं लेकिन यहाँ भी जब से आए हैं कष्टों का अंबार लगा हुआ है। ऐसे में कोरोना से नहीं अन्य बीमारी का शिकार हो जायेंगे। इस पंचायत के द्वारा किसी प्रकार की बुनियादी सुविधा नहीं होने को लेकर हम लोग तंग आ गए हैं मन करता है यहां से भाग जाए लेकिन बेबस हैं सरकार की व्यवस्था के कारण हम लोग यहां रह रहे हैं। एक चापाकल है जहां पानी के लिए जाते हैं तो लेने नही दिया जाता है। विद्यालय के अगल बगल के लोग तरह तरह की बाते बोलते हैं।