मदरलैंड संवाददाता,
यह वही बलुआ है जो देश के राजनीती मे अपनी अलग मुकाम रखती थी इतना ही नही देश को पहला रेलमंत्री देने वाला यही एक छोटा सा गाँव बलुआ के स्व0 ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेल मंत्री भारत सरकार थे और तो और कई बार बिहार का मुख्यमंत्री बनाने वाला भी गाँव बलुआ ही के स्व0 डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा थे जहाँ प्रत्येक वर्ष आज भी रेल मंत्री का पुण्यतिथि राज्यकिय सम्मान के साथ मनाया जाता है वह गाँव बलुआ ही है और उस बलुआ अस्पताल का हाल ऐसा जहाँ सुविधा के नाम पर कुछ नही हैरत की बात है इसी गाँव के मंत्री नीतीश मिश्रा जो नीतीश सरकार मे रहे बावजूद इस अस्पताल का विकास नही हो पाया l
आज जहाँ देश मे करोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टर और अस्पताल की सख्त जरूरत है वही यह अस्पताल सुशासन बाबू की विकास की पोल खोलने के लिए काफी है l इस अस्पताल की कु ब्यवस्था पर समाज सेवी ने सवाल खड़ा किया है उन्होंने ने कहा करीब इस अस्पताल क्षेत्र मे लाखों लोगों के लिए यह वरदान साबित होता अगर सारी ब्यवस्था मुहैया हो जाती तो जब की अस्पताल मे पद स्थापित डॉक्टर हयात अली से इस कमी की बाबत पूछने पर कोई भी जवाब देने मे असमर्थ रहे l
बहरे हाल जो भी हो इतना तो तय है की इस अस्पताल को देख कर समझा जा सकता है की सूबे के मुखिया सुशासन बाबू नीतीश कुमार के विकास की जमीनी हकीकत क्या है
वही अस्पताल देखने मे भी चका चक डॉक्टरों की भरमार के बावजूद मरीजों का सिर्फ इंट्री कर आगे भेज कर डॉक्टर अपने कर्तब्य का निर्वाहन करते है।