मदरलैंड संवाददाता, बगहा
तिरहुत मुख्य नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से धान के बिचड़े सूखने लगे तथा गन्नों की पटवन करने में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।इधर तिरहुत मुख्य नहर में बाल्मीकिनगर गंडक नदी से जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्व से अप्रैल माह में ही पानी छोड़ा जाता रहा है। लेकिन मई महीने के अंत तक पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों की तकलीफें बढ़ने लगी है। नहर के पानी से हजारों किसानों की हजारों एकड़ की भूमि धान के बिचड़े सहित गन्ना की फसलों की पटवन नहीं होने से फसल सूखने लगा है। इसके कारण किसानों ने अतिरिक्त पैसा खर्च कर पंपसेट से अपने फसलों में पटवन कर रहे है। जिसके चलते करोड़ों रुपयों की क्षति की अनुमान है। इसके दौरान पश्चिमी चंपारण जिले के तिरहुत नहर के साथ-साथ त्रिवेणी नहर दोन नहर से पटवन करने वाले किसानों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस कड़ी में बगहा चौतरवा बड़गांव पिपरिया खरपोखरा बंचहरी भैरोगंज लौकरीया सप ही बेलवा चखनी रामनगर नरकटियागंज सिकटा मैनाटांड़ सहित हजारों गांव के किसानों को इसका दंश झेलना पड़ रहा है। खरीफ फसलों को लगाने में हो रही देरी से किसान मायूस हैं। इस पर मंटू पांडेय विनोद कुमार सिंह राजन मिश्रा माधव मल बच्चा मल गांधी सिंह मुनीलाल सिंह लाल बाबू यादव मनोज कुमार सिंह बबलू कुमार सिंह विनोद यादव जय प्रकाश सिंह अजय कुमार सिंह ललन यादव स हित सैकड़ों किसानों ने बताया कि नहर में पानी छोड़ने की देरी के चलते खरीफ फसलों पर इसका सीधा सीधा असर पड़ेगा। एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना जैसी संक्रमण बीमारी से देश जूझ रहा है। तथा दूसरी तरफ देश का अन्नदाता पानी नहीं मिलने के चलते परेशान दिख रहे हैं। साथ ही जल संसाधन विभाग से तीनों नहरों में पानी छोड़ने की गुहार लगाई है।