मदरलैंड संवाददाता,
बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। बिहार में सत्तारूढ़ भाजपा जदयू ने डिजिटल तरीके से अपने पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से संवाद भी शुरू कर दिया है। इधर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने भी अंदर खाने तैयारी शुरू कर दी है। इधर महागठबंधन में शामिल नेता अब अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की बंद कमरे में एक दूसरे से मुलाकात की।
महागठबंधन के इन तीन नेताओं की बैठक मुकेश सहनी के कार्यालय में हुई। सबसे बड़ी बात है कि बंद कमरे में हुई बैठक की जानकारी राजद और कांग्रेस को नहीं थी।
इस बैठक में महागठबंधन के इन तीन नेताओं ने प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर राजनीतिक मुद्दा बनाने की बात की। अंदरखाने से जो निकलकर आ रही है वह यह है कि कांग्रेस और राजद पर सीटों का दबाव बनाने के लिए यह बैठक हुआ है। संवाददाताओं को जवाब देते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि तेजस्वी यादव अभी दिल्ली से बिहार आए हैं और वे 14 दिन के लिए क्वारेन्टाईन हैं। इसलिए राजद को इसमें शामिल नहीं किया गया है। मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार की सरकार फेल हो चुकी है और अराजक की स्थिति है।
सरकार प्रवासी मजदूरों को संभाल नहीं पा रही है। मुकेश सहनी ने कहा कि नीतीश जी कहते हैं कि हम प्रवासी मजदूर को लाना चाहते हैं। दूसरी तरफ अपने कार्यकर्ताओं से कहलवाना चाहते हैं कि प्रवासी आकर कोरोना फैला रहे हैं। यह नीतीश जी का दोहरा चरित्र है।
बैठक के बारे में पूछे जाने पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अधिकार है बैठक करने का। महागठबंधन सबसे बड़ा दल है। राजद के बिना महागठबंधन का कोई स्वरूप नहीं है। राजद सभी 243 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे इस बात में मेरे सहयोगी दलों को कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए।