मदरलैंड संवाददाता,

सीवान ।सीवान के इतिहास में भी ऐसे कई लोग हुए हैं जिन्होंने अपने राजनीति कार्यकाल के दौरान जनता की सेवा में अपना पुरा समय दे दिया। चाहे वह किसी संकट का दौर रहा हो। इसके चलते वह समय आज भी लोगों के दिल व दिमाग में है। लेकिन आज की राजनीति कर रहे लोग जनता की सेवा तो दूर संकट के समय में जनता का हालचाल भी पूछना भूल गए हैं। इन दिनों कोरोना के चलते जनता त्रस्त है।वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु बड़हरिया विधानसभा अंतर्गत विभिन्न पंचायतों के मुखिया द्वारा लगातार गाँवों में घूम घूमकर न केवल फॉगिंग किया जा रहा है बल्कि लोगों को संक्रमण से बचाव हेतु उपाय भी बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने कहा है कि मुखिया लाउड स्पीकर से प्रचार तो करें ही साथ में घर-घर भी जाएं। मुखियों को यह भी कहा गया है कि लाउड स्पीकर में जो भी राशि की जरूरत होगी, वह पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में खर्च कर सकेंगे। इसके बावजूद मुखिया का क्षेत्र में नहीं जाना निंदनीय है।वहीं सदरपुर पंचायत के मुखिया कपिल अहमद द्वारा अब तक एक कार्य भी ऐसा नहीं किया जा रहा है जिसकी प्रशंसा की जाये।इन दिनों कोरोना के चलते जनता त्रस्त है।सदरपुर पंचायत में शामिल महमूदपुर, सदरपुर,पहाडपुर और रानीपुर में भी गरीब व असहाय परेशान हैं। लेकिन यहां के मुखिया कपिल अहमद एक दिन भी दिखाई नहीं दिये। उनके हाथों राहत सामग्री लेने के लिए जनता आस लगाये हुये हैं। बड़ी बात है कि पिछले चुनाव में लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे शिवधारी मोड़ निवासी सीताराम पासवान को हराने वाले मुखिया कपिल अहमद से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बहुत आशाएं थीं। लेकिन गरीबों में न तो राशन का वितरण किये और न ही हालचाल लेने पहुंचे। सत्ता पक्ष को छोडिए विपक्ष भी इस मुद्दे से गायब है। कोरोना के आने से पूर्व पिछले मुखिया सीताराम पासवान लोगों से मिलना और समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे,जिसे देखकर लोग यह सोचते थे कि पूर्व मुखिया जी क्षेत्र में काफी समय दे रहे हैं। लेकिन कोरोना के बिहार में दस्तक देने पर लॉकडाउन के बाद कोई नहीं दिखा। कोरोना में क्षेत्र में रह रहे गरीब, मजदूर और असहायों की क्या स्थिति है इसके बारे में अब तक पक्ष-विपक्ष किसी ने भी कोई सुधि नहीं ली। पहाड़पुर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि अन्य समाजसेवी व मुखिया आदि जनप्रतिनिधि जनता की सेवा अपने साम‌र्थ्य के अनुसार कर रहे हैं। लेकिन हमारे मुखिया जी का साम‌र्थ्य भी इस कोरोना काल में पता चल गया। उनके गायब होने से यह स्पष्ट है कि उन्हें जनता को सुरक्षित रखने की बजाये स्वयं की सुरक्षा की चिंता अधिक है। यह लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बना हुआ है। लोगों के बीच यह चर्चा अगले मुखिया होने का सपना रखने वालों के लिए भारी पड़ सकता है।
Previous articleबड़हरिया के आधा दर्जन क्वॉरेंटाइन सेंटरों का बीडियो ने किया औचक निरीक्षण
Next articleपुत्री के साथ दुष्कर्म का प्रयास , पिता पर प्राथमिकी दर्ज

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here