आशीष कुमार,

मदरलैंड संवाददाता, पटना

आज सीपीआई(एम) पटना शहर कमिटी ने राज्यव्यापी आहवान के तहत आज गांधी मैदान पटना के पास विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया! कार्यक्रम में क्वारेंटाइन सेंटर की कुव्यवस्था और उसमे व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ, प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज देने, शहरी और ग्रामीण मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत काम के साथ 500 रुपए मजदूरी देने, श्रम कानून में हो रहे बदलाव को वापस लेने, जांच केंद्रों की बढ़ोतरी करने, किसानों का कर्ज माफ करने, कोरोना विषाणु से लड़ रहे तमाम कर्मियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने, केरल मॉडल को पूरे देश में लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर कार्यकर्ता ने विरोध दर्ज किया!
कार्यक्रम उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने सैकड़ों प्रवासी मजदूर भाइयों की जिनकी अपने घर वापसी के दौरान भूख से, बीमारी से, ट्रेन से कटकर, ट्रक से टकराकर मृत्यु पर दुख व्यक्त किया और कहा यह उनकी स्वाभाविक मृत्यु नहीं है, बल्कि यह एक तरह की हत्या है।
उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा आखिर शासक वर्ग की प्राथमिकता क्या है?  जब भारत में पहला केश 30 जनवरी को हीं आया, लेकिन केंद्र सरकार नमस्ते ट्रंप की तैयारी में लीन थीं।
आगे उन्होंने कहा बिहार में कोरोना  संक्रमण की जांच की स्थिति में काफी कमी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक इससे लड़ने के लिए शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना चाहिए, लेकिन आज बहुसंख्यक आबादी भूखा, कुपोषित है।
आज जो भी घोषणाए सरकार ने किया वो सब सिर्फ कागजों तक हीं सीमित रह गया है। सभी जरूरतमंदों तक अभी तक अनाज नहीं पहुंचाई गया। सभी को 1 किलो दाल पहुंचाने की बात थी, उसपर भी पूर्ण अमल नहीं हो सका। जो लोग वापस आ रहे रहे हैं, उनके सामने रोजगार की समस्या है, सरकार कह रही है मनरेगा के तहत उन्हें काम मिलेगा, लेकिन उसमें तो पहले से हीं भ्रष्टाचार है। बिहार के अधिकतर चीनी मिल और अन्य छोटे मोटे उद्योग बंद पड़े हुए हैं। आज जरूरत है नए रोजगार सृजित करने की। कृषि आधारित उद्योग स्थापित किया जाय।
उन्होंने कहा की 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज सिर्फ एक छलावा, दिग्भर्मित करने वाला है। सरकार से सवाल पूछते हुए कहा बिहार के लिए सावा लाख करोड़ का पैकेज का ऐलान वर्षों पहले प्रधानमंत्री ने किया था, वो घोषणा सिर्फ छलावा निकला! सरकार द्वारा 7 दिन में गरीबों को राशन कार्ड बनाना यह भी सरकार का छलावा निकला, पटना में अधिकतर जन वितरण दुकानदार गरीबों को मुफ्त अनाज नहीं दे रहे है, गरीब की परेशानी मरणासन्न होने वाली है! प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए कोरेनटाईन सेंटर में व्यवस्था दयनीय है, दिन पर दिन हंगामा हो रहे है! सरकार हर कार्य में विफल है! लोगो को मोदी नितीश सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया!

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