मदरलैंड संवाददाता,
अररिया – फारबिसगंज प्रखंड के मध्य विद्यालय टेरही मुसहरी क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों व कामगारों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को रूबरू हुए।
इस दौरान सीएम ने जहां क्वारंटाइन में मिल रही सुविधा व व्यवस्था की जानकारी ली वहीं प्रवासी मजदूरों व कामगारों को बेहतर जीवन का भरोसा दिलाया। मौके पर ही सीएम ने मौजूद डीएम प्रशांत कुमार सीएच को प्राथमिकता के आधार पर क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों का खाता खुलवाने एवं राशन कार्ड बनवाने सहित अन्य सुविधाओं का ख्याल रखने को कहा। बताया गया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रवासी मजदूरों से सीएम ने पूछा कि आप कहां रहते थे और कौन सा काम करते थे। इतना ही नहीं उसे कितनी आमदनी होती थी। सभी प्रवासी खुलकर अपनी बातें रख रहे थे। कोई राजमिस्त्री तो कोई फैक्ट्रियों में काम करने की बात कही। करीब एक दर्जन प्रवासी मजदूरों ने नीतीश कुमार से बातें की।
सीएम ने इन सभी मजदूरों व कामगारों को भरोसा दिया कि आप लोग पहले 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहिए। इसके बाद घर पर जाएं। सीएम ने कहा कि आप और हम मिलकर रोजगार के अवसर पैदा करेंगे और आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करेंगे। सीएम ने सभी प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिया कि आप लोग यहां रहिए सभी को काम दिया जाएगा। नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों से कहा कि हमारा संकल्प है कि आपको काम मिलेगा। जो जिस तरह का काम करते थे उनको वैसा ही काम दिया जाएगा। खास बात यह कि सभी प्रवासी मजदूरों द्वारा कोई दिक्कत नहीं होने और सारी सुविधा मिलने की बात कही गई।
इस दौरान सीएम ने क्वारन्टीन सेंटर की व्यवस्था का हाल जाना। कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमरे, खाने की व्यवस्था, कीचन आदि का भी मुआयना किया। साथ ही सभी प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिया कि आप 14 दिनों तक सेंटर में रहे तब तक आप के खाते में पैसे आ जाएंगे। इस मौके पर डीएम के अलावा एसपी धुरत सायली, ओएसडी पंकज कुमार, फारबिसगंज एसडीओ योगेश कुमार सागर, डीएसपी मनोज कुमार, डीपीआरओ दिलीप सरकार, डीपीओ शिक्षा, कार्यपालक अभियंता पीएचडी, बीडीओ अमित आनंद, सीओ संजीव कुमार, थानाध्यक्ष कौशल कुमार, मुखिया अरविंद विश्वास, समाजसेवी दिलीप मेहता, रिंकू ठाकुर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे । खास बात यह कि सीएम के वीडियो कांफ्रेंसिंग को लेकर डीएम के नेतृत्व में अधिकारियों का जत्था शुक्रवार की शाम से ही संबंधित क्वारंटाइन सेंटर में होमवर्क में जुट गए थे। सारी व्यवस्था को इस तरह से सुधारा गया था ताकि कांफ्रेंस के दौरान किसी भी प्रवासी मजदूर को किसी तरह की असुविधा या शिकायत वाली बात न करें।